नई दिल्ली: आज से नवरात्र शुरू हो गए हैं और ये नवरात्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी बेहद खास है। अगले नौ दिन तक पीएम मोदी शक्ति की साधना में लगे रहेंगे। नौ दिन तक पीएम मोदी कोई अन्न ग्रहण नहीं करेंगे सिर्फ पानी और फल खाकर नौ दिन तक उपवास करेंगे। पीएम मोदी की देवी मां में अटूट आस्था है तभी तो वो पिछले चालीस साल से साल के दोनों नवरात्र में उपवास करते हैं। साल में दो बार मोदी 9 दिनों तक मां दुर्गा की भक्ति में लीन होकर अन्न का त्याग करते हैं और सिर्फ पानी पीकर मां दुर्गा की अराधना करते हैं। ये भी पढ़ें: ‘तीन दिन बाद यानी 23 सितम्बर को धरती से टकराएगा ग्रह, वो होगा विनाश का दिन’
नवरात्र में मोदी देवी की उपासना को किसी भी सूरत में नहीं टालते। मोदी कहीं भी हों, किसी भी पद पर रहे हों, देश में हों या विदेश में नवरात्र के पहले दिन से वो उपवास पर रहते हैं। कठिन व्रत के साथ मोदी मां दुर्गा की पूजा करते हैं। दिनचर्या में थोड़ा बदलाव जरूर होता है क्योंकि मोदी नौ दिनों तक पूरी श्रद्धा से नवरात्र करते हैं। नवरात्र के दिनों में मोदी सुबह 5 बजे की जगह 4 बजे ही उठ जाते हैं और फिर योग करते हैं। योग के बाद मोदी ध्यान और पूजा करते हैं और फिर हर दिन की तरह ही पूरी एनर्जी के साथ अपने काम में जुट जाते हैं।
2012 में मोदी ने अपने ब्लॉग में बताया था कि वो पिछले 35 साल से नवरात्र में नौ दिन तक व्रत रखते हैं। मोदी के मुताबिक वो आत्म-शुद्धिकरण के लिए व्रत रखते हैं। उनके मुताबिक इस व्रत से उन्हें शक्ति मिलती है और साथ ही वो हर रात मां दुर्गा से संवाद करने में सक्षम हो पाते हैं। मोदी की नवरात्र को लेकर ऐसी आस्था है कि वो हर नए काम की शुरूआत भी नवरात्र में ही करते हैं। यही वजह है पिछले साल असम में हुए विधानसभा चुनाव प्रचार की शुरुआत उन्होंने असम की मशहूर कामाख्या माता का पूजन करने के बाद की थी।
इतना ही नहीं जिस उत्तर प्रदेश में भाजपा को प्रचंड जीत हासिल हुई है वहां भी चुनावी अभियान का आगाज प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल शारदीय नवरात्र में ही किया था। अब इसे मोदी की आस्था कहिए या भरोसा उन्हें अपने मन मुताबिक परिणाम भी मिला और शक्ति के दूसरे उपासक आदित्यनाथ योगी को सूबे की सत्ता मिली।