नयी दिल्ली: दिल्ली मेट्रो के कालकाजी-बॉटनिकल गार्डन मार्ग का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 दिसंबर को करेंगे। इस लाइन के शुरू होने के बाद नोएडा और दक्षिणी दिल्ली के बीच यात्रा समय में कमी आएगी। डीएमआरसी ने इसकी जानकारी दी। मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) ने पिछले महीने 12 .64 किलोमीटर वाले इस सेक्शन को सुरक्षा संबंधी मंजूरी दी थी। यह मार्ग बॉटनिकल गार्डन- जनकपुरी वेस्ट (मैजेंटा) लाइन का हिस्सा है। इस सेक्शन में मेट्रो की नई आधुनिक ट्रेनें चलेंगी, जो कि बिना चालक की मौजूदगी के भी चल सकती है। वहीं इस मार्ग पर अत्याधुनिक संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण (सीबीटीसी) सिग्नल तकनीक भी सेवा में लगाई जाएगी जिसकी मदद से ट्रेन की आवाजाही 90-100 सेकेंड के भीतर हो सकेगी। हालांकि प्रारंभिक अवधि में दो-तीन साल तक ट्रेन में चालक होंगे।
फिलहाल नोएडा से दक्षिणी दिल्ली के इलाकों में जाने के लिए मंडी हाउस पर मेट्रो बदलकर ब्लू लाइन से वायलेट लाइन पर जाना होता है। नए सेक्शन के खुलने के बाद यात्री सीधे वायलेट लाइन पर स्थित कालकाजी मंदिर मेट्रो स्टेशन पहुंचेंगे। इसकी वजह से यात्रा समय में 45 मिनट की कमी आएगी। वहीं बॉटनिकल गार्डेन से जनकपुरी वेस्ट (38.23 किलोमीटर) का पूरा कॉरिडोर जब खुल जाएगा तो नोएडा के यात्री हौज खास में ट्रेन बदलकर सीधे गुड़गांव जा सकेंगे। दिल्ली के बाहर पहली बार बॉटनिकल गार्डन एक ऐसा मेट्रो स्टेशन होगा जहां पर मेट्रो की विभिन्न लाइनें आकर मिलेगी।
इस मेट्रो लाइन पर सभी स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म और ट्रेन के बीच डबल डोर सिस्टम होगा। इसके लिए प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर लगाए गए हैं। ऐसा करने से ट्रेन ऑपरेशन आसान होगा और मेट्रो स्टेशनों पर होने वाली सुसाइड की घटनाओं को रोका जा सकेगा। ये प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर मेट्रो के प्लेटफॉर्म पर रुकने के बाद ही खुलेंगे और ट्रेन के रवाना होने के साथ ही बंद हो जाएंगे।
खास बात ये है कि ये दुनिया की सबसे बेहतरीन और एडवांस तकनीक वाली ट्रेन होगी। शुरुआती ट्रेन साउथ कोरिया में बनी हैं और इन्हें वहां से आयात किया गया है। ये ट्रेन यूटीओ यानी अनअटेंडेड ट्रेन ऑपरेशन तकनीक से लैस होगी। मतलब इन्हें बिना ड्राइवर के भी चलाया जा सकेगा। इसीलिए इन्हें देश की पहली ड्राइवरलेस ट्रेन कहा जा रहा है। हालांकि डीएमआरसी शुरुआती एक साल के लिए ट्रेन को ड्राइवर के साथ चलाएगी।