नई दिल्ली: देश की सत्ता में चार साल पूरे होने का जश्न बीजेपी पूरे देश में मना रही है। प्रधामनंत्री नरेंद्र मोदी इन चार सालों में शुरू हुई योजनाओं की बातों को डंके की चोट पर देशवासियों के सामने रख रहे हैं। इसी कड़ी में पीएम मोदी आज मुद्रा योजना का लाभ पाने वाले युवाओं से मुखातिब हुए। पीएम मोदी ने इस योजना के लाभार्थियों से बात की और कहा कि इस योजना ने साहूकारों और बिचौलिए के दुष्चक्र को तोड़ दिया है जो उद्यमियों के सपनों को अपने नियंत्रण में रखते थे। नरेंद्र मोदी ऐप के जरिए मुद्रा योजना के लाभार्थियों से बातचीत के दौरान मोदी ने कहा, " मुद्रा योजना ने साहूकारों और बिचौलिए के दुष्चक्र से राहत देकर उद्यमियों के हितों की सुरक्षा की है।" उन्होंने कहा, "इस दुष्चक्र को तोड़ना जरूरी था और किसी को ऐसा करना चाहिए था। हमने ऐसा किया, हमने इसे तोड़ दिया।" प्रधानमंत्री ने कहा कि यह योजना युवाओं, महिलाओं और व्यापार करने की इच्छा रखने वाले लोगों को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी। उन्होंने कहा कि उनके पूर्ववर्तियों ने इसे शुरू करने की योजना नहीं बनाई क्योंकि उन लोगों ने वोट बैंक की राजनीति पर जोर दिया।
आइये आपको बताते हैं कि क्या है प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और बीजेपी सरकार के लिए ये योजना क्यों खास है? मोदी सरकार के चार साल पूरे होने पर देशभर से मोदी के मंत्री और खुद पीएम मोदी अपने चार साल का लेखा जोखा जनता तक पहुंचा रहे हैं। एक दिन पहले पीएम ने नमो ऐप के ज़रिये ज़रूरतमंद महिलाओं को फ्री गैस कनेक्शन मुहैय्या कराने वाली उज्जवला योजना पर बात की और आज वो नमो एप पर बात करेंगे अपनी सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना, मुद्रा योजना की। प्रधानमंत्री मोदी ने मुद्रा योजना को 8 अप्रैल 2015 में लॉन्च किया था जिसका उद्देश्य लघु उद्योग और छोटे व्यापारियों की वित्तीय सहायता करने के साथ ही स्वरोजगार के इच्छुक लोगों को आसानी से लोन उपलब्ध कराना है। आंकड़ों के मुताबिक प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत...
साल लोन आवंटित राशि
2015 - 2016 3,48,80,924 1,32,954.73 करोड़
2016 - 2017 3,97,01,047 75,312.13 करोड़
2017 - 2018 4,81,30,593 2,46,437.40 करोड़
(इस साल अबतक)
2018 - 2019 63,61,293 26,604.19 करोड़
इस तरह के कर्ज को बढ़ावा देने के पीछे केन्द्र सरकार की मंशा देश में ज्यादा से ज्यादा रोजगार के नए संशाधन खड़े करने की है। केन्द्र सरकार की इस पायलट योजना का कर्ज देश में सरकारी बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय संस्था और माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं के जरिए दिया जाता है। वित्त मंत्रालय ने मुद्रा योजना के तहत छोटे उद्यमियों को ऋण आवंटन बढ़ाने के लिए फ्लिपकार्ट, स्विगी, पतंजलि और अमूल समेत 40 इकाइयों के साथ साझेदारी की है। ये सभी इकाइयां बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार उपलब्ध कराती हैं।
'मुद्रा' से मिला काम
मुद्रा योजना पर सितंबर 2017 में जारी पहली रिपोर्ट के मुताबिक जून 2017 तक इस योजना से 5.5 करोड़ नौकरियां पैदा हुईं। रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 2017 तक मुद्रा योजना के माध्यम से कुल 6.8 करोड़ रोजगार के अवसर पैदा हुए। सरकार की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा बेरोजगारों को मुद्रा लोन दिया जाए और इसी मंशा के मद्देनजर बैंकों की ओर से लगातार मुद्रा योजना के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए कैंप भी लगाए जा रहे हैं।
मुद्रा योजना के तहत स्कीम
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत जरूरतमंदों को पचास हजार से लेकर दस लाख तक का लोन दिए जाते हैं। योजना को तीन भागों में बांटा गया है...
शिशु लोन - 0 से 50 हजार रुपये तक का लोन
किशोर लोन - 50001 से 5 लाख रुपये तक का लोन
तरुण लोन - 500001 से 10 लाख रुपये तक का लोन
केंद्र में मोदी सरकार के चार साल पूरा होने के मौके पर पीएम आज मुद्रा लोन योजना के चुनिंदा लाभार्थियों से नमो ऐप पर बात करके इस योजना से उनके जीवन में आए बदलाव के बारे में जानेंगे।