नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि पिछले चार वर्षों में उनकी सरकार ने अनेक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम किया और इन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का दायरा 50 करोड़ लोगों तक पहुंच गया है जो 2014 के बाद से अब तक 10 गुणा वृद्धि को दर्शाता है। सरकार की जन सुरक्षा योजनाओं के लाभार्थियों के साथ संवाद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2014 में जब वह सरकार में आए तब देश का सामान्य जन सामाजिक सुरक्षा से वंचित था और पिछले चार वर्षों में उनकी सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से दलित, शोषित, पीड़ित, आदिवासी, महिलाओं एवं कमजोर वर्ग के लोगों को संकट से जूझने और जीतने की हिम्मत मिली है। उन्होंने कहा कि जन सुरक्षा के तहत शुरू की गई योजनाएं अलग-अलग परिस्थितियों के लिए है और काफी कम प्रीमियम पर शुरू की गई है ताकि देश में हर क्षेत्र, हर तबके, हर आयु वर्ग से जुड़े लोग इनका लाभ उठा सकें।
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-हम दुर्घटनाओं का सामना करने के लिए खुद को तैयार तो कर ही सकते हैं, आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना इसी उद्दश्य से शुरू की गई थी
-इन घटनाओं को सुनकर बहुत दुःख होता है। किसी व्यक्ति के चले जाने से उसके परिवार को जो क्षति होती है, उसकी भरपाई नहीं की जा सकती। लेकिन ऐसी मुश्किल घड़ी में परिवार को आर्थिक सबल मिले यह बहुत ही महत्वपूर्ण होता है
-विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया कि प्रधानमंत्री जनधन योजना सफल फाईनेंशियल इंक्लूजन प्रोग्राम रहा, जिसने 3 साल, 2014-17 में 28 करोड़ नये बैंक खाते खोले गये, यह संख्या इस अवधि के दौरान पूरे विश्व में खोले गये सभी नए बैंक एकाउंट का 55% है
-मैं खुश हूं कि अधिक महिलाओं के पास अब बैंक खाते हैं, महिलाओं के लिए जरूरी है कि वो वित्तीय मुख्यधारा में आए
-2014 से पहले देश में बीमा कवर किये गये लोगों की संख्या बहुत कम थी, जिसे बढाने और आम आदमी के जीवन के रिस्क को कवर करने की आवश्यकता थी, जिसके लिये विभिन्न बीमा एवं पेंशन योजनाओं को शुरु किया गया
-देश का सामान्य जन सुरक्षा योजनाओं से वंचित था पर जन सुरक्षा योजनाएं आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सशक्त बना रही हैं
-जन सुरक्षा के तहत शुरू की गई योजनाएं अलग-अलग परिस्थितियों के लिए है और काफी कम प्रीमियम पर शुरू की गई है ताकि देश में हर क्षेत्र, हर तबके, हर आयु वर्ग से जुड़े लोग इनका लाभ उठा सकें
-हमने दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित, आदिवासी और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सबको बैंकिंग सुविधा से जोड़ा
-जन सुरक्षा योजनायें आम जन को और खास तौर पर आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को सशक्त बना रही है जिससे संकट के समय वो मजबूती से खड़े रह सके
मोदी ने कहा कि साल 2014 में जन सुरक्षा योजनाओं से 4.8 करोड़ लोग जुड़े थे और अब यह संख्या बढ़कर 50 करोड़ हो गई है जो 10 गुणा वृद्धि को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि जीवन में एक बात निश्चित है और वह जीवन की अनिश्चितता है। कोई नहीं जानता कि कल क्या होने वाला है। संकट अमीर और गरीब का भेद नहीं करता है और कभी भी आ सकता है। ऐसे में सभी को भविष्य की चिंता करनी चाहिए और बीमा के प्रति जागरूक होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार गरीबों के प्रति संवेदनशील, गरीबों के कल्याण को समर्पित और कमजोर वर्गो को सशक्त बनाने को प्रतिबद्ध है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी व्यक्ति के चले जाने से उसके परिवार को जो क्षति होती है, उसकी भरपाई नहीं की जा सकती। लेकिन ऐसी मुश्किल घड़ी में परिवार को आर्थिक संबल मिले यह बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में सरकार की बीमा योजनाओं एवं पेंशन योजना का जिक्र किया। इसमें प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना तथा अटल वय वंदन योजना शामिल है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर देखें तो प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, और अटल पेंशन योजना, इन 3 योजनाओं के माध्यम से केवल 3 वर्षों में करीब 20 करोड़ लोगों को बीमा योजनाओं के सुरक्षित दायरे के अंतर्गत लाया गया है।
उन्होंने कहा कि जन सुरक्षा योजनाएं आमजन को और खास तौर पर आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को सशक्त बना रही है जिससे संकट के समय वो मजबूती से खड़े रह सकें। सरकार का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक लोग सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जुड़ें। उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था जीवन का एक अहम पड़ाव है। एक ऐसा समय जब हमें कई चीजों के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है, उस समय में आर्थिक तौर पर हम आत्म-निर्भर रहें, पेंशन की कल्पना इसी को उद्देश्य में रखकर की गई थी। मोदी ने कहा कि सरकार बुजुर्गों के लिए प्रतिबद्ध सरकार है...सरकार ने उनके स्वास्थ्य से लेकर उनके आर्थिक मोर्चे तक, सभी सुविधाओं को सरल बनाने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था से संबंधित समस्याओं की गंभीरता को महसूस करते हुए इनसे निपटने के लिए पिछले 4 वर्षों में कई नीतियां और योजनाएं बनाई गई हैं। मोदी ने कहा कि हम सब जानते हैं कि उम्र बीतने के साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें भी आने लगती है। दवाइयों और इलाज का खर्चा बढ़ जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए जन-औषधि योजना शुरू की गई ताकि दवाइयां सस्ते दामों पर उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि इसी तरह से स्टेंट की कीमतें भी कम की गई, घुटने का ऑपरेशन भी पहले के मुकाबले अब सस्ता और किफायती हो गया है। पहले वरिष्ठ नागरिकों को अपने जीवित होने का खुद जाकर प्रमाण देना पड़ता था, लेकिन अब इसे भी सरल बनाते हुए जीवन प्रमाणपत्र देने की व्यवस्था शुरू की गई है।
उन्होंने कहा कि हमारा पूरा प्रयास है कि देश के वरिष्ठ नागरिकों को विभिन्न सुविधाएँ सरल और सहज रूप में उपलब्ध हो, उनके आस पास ही उपलब्ध हों ताकि उन्हें ज्यादा भाग-दौड़ न करनी पड़े। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकार वरिष्ठ नागरिकों को कर छूट भी दे रही है। उनके लिए आय पर टैक्स में छूट की मूल सीमा को 2.5 लाख रूपये से बढ़ाकर 3 लाख रूपये कर दिया गया है। मोदी ने कहा कि पिछले वर्ष सरकार ने प्रधानमंत्री वय वंदना योजना की शुरूआत की। इस योजना के तहत 60 साल से ऊपर के नागरिक को 10 साल तक 8 फीसदी सुनिश्चित रिटर्न मिलता है। यदि रिटर्न 8 फीसदी से कम आती है तो सरकार खुद से इसकी भरपाई करती हैं। अभी तक लगभग सवा 3 लाख लोग इस योजना का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा प्रयास है कि सभी को बीमा कवर मिले और कम से कम प्रीमियम पर मिले ताकि गरीब से गरीब व्यक्ति भी इसका लाभ उठा सके।