नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद मोदी कुछ ही देर बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को संबोधित करेंगे। सूत्रों से खबर है कि अपने संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी पाकिस्तान का जिक्र भी नहीं करेंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उनके भाषण का फोकस विकास, सुरक्षा, आतंकवाद और क्लाइमेट चेंज पर रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय समयानुसार साढ़े सात बजे अपना भाषण शुरू करेंगे। आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र में पीएम नरेंद्र मोदी का भाषण पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के भाषण से कुछ देर पहले होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जर्मन चांसलर एंजिला मर्केल जैसे विश्व के शीर्ष नेताओं के साथ द्विपक्षीय मुलाकातें कीं। वह संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) को हिंदी में संबोधित कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने पिछले सप्ताह अमेरिका यात्रा के लिए प्रस्थान करते हुए अपने बयान में कहा था 1945 में संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के समय से उसके संस्थापक सदस्य के नाते भारत ने दुनिया में शांति और सुरक्षा बढ़ाने तथा समावेशी आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक स्तरों पर काम करने की अटूट प्रतिबद्धता जताई है।
पीएम मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में वह नई दिल्ली के इस रुख को दोहराएंगे कि इस वैश्विक मंच में सुधार किया जाए जहां भारत अपनी उचित भूमिका निभा सके। विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में आतंकवाद के मुद्दे पर ही नहीं, बल्कि भारत की उपलब्धियों और इसकी वैश्विक भूमिका को रेखांकित करेंगे।
गोखले ने यह भी बताया कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाना एक आंतरिक विषय है और यह संयुक्त राष्ट्र एजेंडा से बाहर है। कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिशें पाकिस्तान द्वारा तेज कर देने के मद्देनजर गोखले ने कहा, ‘‘यदि वह अपने प्रधानमंत्री (इमरान खान) के भाषण में इस मुद्दे को शामिल करना चाहते हैं तो ऐसा करने के लिए उनका स्वागत है।’’
विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा, ‘‘अनुच्छेद 370 एक आंतरिक विषय है, इस पर संरा में कोई चर्चा नहीं होगी, हम इस पर कोई चर्चा नहीं करेंगे।’’ गोखले के अनुसार प्रधानमंत्री विकास, जलवायु परिवर्तन और अन्य द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय मुद्दों को उठाएंगे, जिनमें आतंकवाद भी एक मुद्दा है लेकिन मुख्य जोर अंतरराष्टीय मंच पर भारत की भूमिका को रेखांकित करना होगा।