Sunday, December 22, 2024
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मोदी की सचिवों के साथ बैठक, सरकार के 100 दिन के एजेंडा को दिया अंतिम रूप

माना जा रहा है कि बैठक में किसानों की आय दोगुना करने, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री आवास योजना, सबको पेयजल, सबको बिजली समेत प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं की भविष्य की रूपरेखा पर भी विचार विमर्श हुआ।

Reported by: Bhasha
Published : June 18, 2019 21:47 IST
Narendra Modi
Image Source : PTI पीएम नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने दूसरे कार्यकाल के प्रथम बजट से पहले वित्त और अन्य मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने और रोजगार सृजन को ध्यान में रखते हुए सरकार के 100 दिन के एजेंडा को अंतिम रूप देने पर जोर रहा।

सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास पर हुई बैठक में वित्त मंत्रालय के सभी पांच सचिवों के अलावा कुछ अन्य मंत्रालयों के अधिकारी और नीति आयोग के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद थे। समझा जाता है कि इस उच्च स्तरीय बैठक में कम से कम समय में देश को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को ध्यान रखते हुए सरकार के पांच वर्ष के दृष्टिकोण को स्पष्ट किया गया।

माना जा रहा है कि बैठक में किसानों की आय दोगुना करने, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री आवास योजना, सबको पेयजल, सबको बिजली समेत प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं की भविष्य की रूपरेखा पर भी विचार विमर्श हुआ। कृषि क्षेत्र की समस्याओं को देखते हुए पिछले हफ्ते मोदी ने कृषि क्षेत्र में ढांचागत सुधार किए जाने, निजी निवेश बढ़ाए जाने, किसानों को बाजार समर्थन उपलब्ध कराने और लॉजिस्टिक व्यवस्था को दुरुस्त करने पर जोर देने की बात कही थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने संभवत: सभी विभागों के साथ सुधारों की रूपरेखा पर विचार किया ताकि देश में कारोबार करने की व्यवस्थाएं और सुगम की जा सकें तथा अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके। सूत्रों ने कहा कि बैठक में राजस्व बढ़ाने तथा सुधारों के जरिये सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि की रफ्तार तेज करने के उपायों पर भी संभवत: चर्चा हुई। उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2018-19 में जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 6.8 प्रतिशत पर आ गई है जो इसका पांच साल का निचला स्तर है।

आंकड़ों के अनुसार मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर के दायरे में है, लेकिन जनवरी-मार्च तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत के पांच साल के निचले स्तर पर आ गई। इससे वृद्धि दर के मामले में भारत अब चीन से पिछड़ गया है। वित्त वर्ष 2019-20 का पूर्ण बजट पांच जुलाई को पेश किया जाना है। मोदी ने उससे पहले शीर्ष अधिकारियों के साथ विचार विमर्श शुरू किया है। इन विचारों को बजट में शामिल किया जा सकता है।

माना जा रहा है कि मोदी के नेतृत्व में नयी सरकार जहां विनिर्माण में निवेश को प्रोत्साहन देने का प्रयास करेगी वहीं वह आगामी बजट में कृषि क्षेत्र की परेशानियों को दूर करने और किसानों की आय बढ़ाने के कदम भी उठाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए जाने वाले बजट में अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार, फंसे कर्ज में वृद्धि और गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनियों के नकदी संकट जैसी वित्तीय क्षेत्र की मुश्किलों, रोजगार सृजन, निजी निवेश, निर्यात पुनरोद्धार और कृषि संकट समेत अन्य मुद्दों से निपटने के लिए कदम उठाए जाने की उम्मीद है।

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