नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। यह मन की बात (Mann Ki Baat) का 71वां संस्करण है। प्रधानमंत्री ने आज मन की बात कार्यक्रम में कई गंभीर मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने मन की बात में कृषि कानूनों के फायदों के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि नए कानून में तय किया गया है कि किसानों को फसल का भुगतान 3 दिन के भीतर होगा। वहीं इलाके के एसडीएम को किसानों की समस्या का निपटान 1 महीने के भीतर करना होगा।
देश में जारी कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री लोगों को जागरुक बनाने के लिए अपनी मन की बात कार्यक्रम में लोगों को प्रोत्साहित करते हैं। रविवार (30 नवंबर) को मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के लिए ट्वीट कर लोगों से NaMo ऐप और MyGov जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए सुझाव मांगे थे। पीएम मोदी ने मन की बात में देशवासियों को कोरोना से अब भी सावधानी बरतने को कहा। इसके साथ ही देश में कोरोना के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं और लोगों ने कोरोना गाइडलाइंस को फॉलो करना बंद कर दिया है ऐसे में वो देशवासियों से अपील कर सकते हैं कि जब तक वैक्सीन आ नहीं जाती और लग नहीं जाती तब तक किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें।
मोदी ने अपने मासिक ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा, ‘‘भारत में खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़ रहे हैं। बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं। किसानों की वर्षों से कुछ मांगें थीं और उन्हें पूरा करने के लिए हर राजनीतिक दल ने कभी न कभी वादा किया था, लेकिन वे कभी पूरी नहीं हुईं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘संसद ने काफी विचार-विमर्श के बाद कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप दिया। इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुए हैं, बल्कि उन्हें नए अधिकार और अवसर भी मिले हैं। इन अधिकारों ने बहुत ही कम समय में, किसानों की परेशानियों को कम करना शुरू कर दिया है।’’ उन्होंने महाराष्ट्र के एक किसान का उदाहरण दिया जिन्होंने एक कारोबारी द्वारा वादे के मुताबिक भुगतान नहीं किये जाने पर पैसा प्राप्त करने के लिए इन कानूनों के प्रावधानों का इस्तेमाल किया। गौरतलब है कि संसद द्वारा मॉनसून सत्र में पारित तीन कृषि विधेयकों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के बाद कानूनों के रूप में इन्हें लागू किया जा चुका है, जिनका कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं और अनेक किसान, मुख्य रूप से पंजाब के किसान सड़कों पर उतर आए हैं।