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21वीं सदी के शुरू में जन्मे बच्चों के लिए खास है नया वर्ष, जानिए क्यों?

इस साल के अपने अंतिम ‘मन की बात’ कार्यक्रम में मोदी ने कहा ‘‘एक जनवरी, 2018 यानी कल, मेरी दृष्टि में खास दिन है...

Reported by: Bhasha
Published : December 31, 2017 16:37 IST
narendra modi
narendra modi

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 वीं सदी के शुरुआती साल 2000 में जन्में बच्चों के लिए इस नववर्ष को विशेष बताया है। मोदी ने आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा कि जो लोग साल 2000 में जन्में हैं, वे कल से वैध मतदाता बनना शुरू हो जाएंगे। इस साल के अपने अंतिम ‘मन की बात’ कार्यक्रम में मोदी ने कहा ‘‘एक जनवरी, 2018 यानी कल, मेरी दृष्टि में खास दिन है।’’ उन्होंने कहा ‘‘नया वर्ष आता रहता है, लेकिन मैं कहता हूं कि यह खास है। क्योंकि 21वीं सदी में जिन्होंने जन्म लिया है वे एक जनवरी, 2018 से ‘योग्य मतदाता’ बनना शुरू हो जायेंगे।’’

प्रधानमंत्री ने इन्हें ‘न्यू इंडिया वोटर्स’ बताते हुए भारतीय लोकतंत्र में इनका स्वागत किया। साथ ही उन्होंने मतदाता बनने योग्य युवाओं से स्वयं को मतदाता के रूप में पंजीकृत कराने का आग्रह भी किया। उन्होंने कहा ‘‘पूरा हिन्दुस्तान आपको 21वीं सदी के मतदाता के रूप में स्वागत करने के लिए लालायित है। आपका वोट ‘न्यू इंडिया’ का आधार बनेगा।’’

प्रधानमंत्री ने नए भारत के सपने को साकार करने के लिए देश की युवा पीढ़ी से भारत को जातिवाद, साम्प्रदायवाद, आतंकवाद और भ्रष्टाचार के ज़हर से मुक्त करने का आह्वान किया, जिससे देश गन्दगी और ग़रीबी से मुक्त हो सके।

इसके लिए उन्होंने युवाओं से नए भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाने का आह्वान करते हुए इसकी रूपरेखा खुद तय करने का आह्वान किया। मोदी ने इस दिशा में अपना एक विचार साझा करते हुए कहा ‘‘क्या हम भारत के हर ज़िले में एक ‘छद्म संसद’ आयोजित कर सकते हैं। जहां 18 से 25 वर्ष के युवा, मिल-बैठ कर न्यू इंडिया पर मंथन करें, रास्ते खोजें, योजनाएं बनाएं।’’

प्रधानमंत्री ने युवाओं से अपने संकल्पों को साल 2022 से पहले सिद्ध करने की अपील की। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने आज़ादी के आंदोलन को जन-आन्दोलन बना दिया था। मोदी ने युवाओं से कहा ‘‘समय की मांग है कि हम भी 21वीं सदी के भव्य-दिव्य भारत के लिए एक जन-आन्दोलन खड़ा करें। विकास का जन-आन्दोलन। प्रगति का जन-आन्दोलन। सामर्थ्यवान-शक्तिशाली भारत का जन-आन्दोलन।’’

उन्होंने इस संकल्प की सिद्धि के लिए कहा कि वह अगले साल स्वतंत्रता दिवस के आसपास दिल्ली में एक ‘छद्म संसद’ के आयोजन के इच्छुक हैं जिसमें देश के प्रत्येक जिले से चुना गया एक युवा, इस विषय पर चर्चा करे कि कैसे अगले पाँच सालों में ‘नये भारत’ का निर्माण किया जा सकता है।

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