नई दिल्ली: प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी नरेंद्र मोदी को यूएन की ओर से 'चैंपियंस ऑफ द अर्थ' अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। दिल्ली में प्रवासी भारतीय भवन में यूनाइडेट नेशंस के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने पीएम मोदी को सम्मान दिया। पर्यावरण के क्षेत्र में 'चैंपियंस ऑफ द अर्थ' सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है। पीएम को ये सम्मान पर्यावरण के क्षेत्र में अहम फैसलों के लिए मिला। अवॉर्ड लेने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि प्रकृति में परमात्मा को देखना चाहिए। पर्यावरण और आपदा का संस्कृति से सीधा रिश्ता है। मोदी एवं फ्रांस के राष्ट्रपति एमेनुएल मैक्रों को स्थायी विकास एवं जलवायु बदलाव के क्षेत्र में अनुकरणीय नेतृत्व और सकारात्मक कदम उठाने के कारण यह पुरस्कार प्रदान किया गया। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने यह पुरस्कार प्रदान किया। प्रधानमंत्री मोदी को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की पैरवी के लिए अग्रणी कार्यों तथा 2022 तक एकल उपयोग वाली सभी तरह की प्लास्टिक को भारत से हटाने के संकल्प के कारण नेतृत्व श्रेणी में चुना गया है।
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-पर्यावरण के प्रति लगाव हमारी आस्था के साथ-साथ अब आचरण में भी और मजबूत हो रहा है: पीएम मोदी
-आज भारत में घरों से लेकर गलियों तक, दफ्तरों से लेकर सड़कों तक, पोर्ट्स से लेकर और एयरपोर्ट्स तक, Water और Energy Conservation की मुहिम चल रही है: पीएम मोदी
-LED बल्ब से लेकर Rain Water Harvesting तक, हर स्तर पर टेक्नॉलॉजी को promote किया जा रहा है: पीएम मोदी
-देश के नेशनल हाईवे, एक्सप्रेसवे को इको फ्रेंडली बनाया जा रहा है: पीएम मोदी
-मेट्रो जैसे सिटी ट्रांसपोर्ट नेटवर्क को भी Solar Energy से जोड़ा जा रहा है: पीएम मोदी
-रेलवे की Fossil Fuel पर निर्भरता को हम तेज़ी से कम कर रहे हैं: पीएम मोदी
-आज भारत दुनिया के उन देशों में है जहां सबसे तेज़ गति से शहरीकरण हो रहा है। ऐसे में अपने शहरी जीवन को Smart और Sustainable बनाने पर भी बल दिया जा रहा है: पीएम मोदी
-ये अवॉर्ड सवा सौ करोड़ भारतीयों को समर्पित: पीएम मोदी
-सम्मान के लिए संयुक्त राष्ट्र का आभारी हूं: पीएम मोदी
-ये भारत की नारी के साथ कई अनाम चेहरों का सम्मान
प्रकृति में परमात्मा को देखना चाहिए: पीएम मोदी
-पर्यावरण और आपदा का संस्कृति से सीधा रिश्ता: पीएम मोदी
-प्रकृति के प्रति संवेदना हमारी संस्कृति का हिस्सा: पीएम मोदी
-हमने प्रकृति को सजीव और सहजीव माना है: पीएम मोदी
-हम पूरे विश्व की शांति का संकल्प लेते हैं: पीएम मोदी
-आबादी को पर्यावरण पर, प्रकृति पर अतिरिक्त दबाव डाले बिना, विकास के अवसरों से जोड़ने के लिए सहारे की आवश्यकता है, हाथ थामने की ज़रूरत है: पीएम मोदी
-ये संवेदना है जो हमारे जीवन का हिस्सा है। पेड़-पौधों की पूजा करना, मौसम, ऋतुओं को व्रत और त्योहार के रूप में मनाना, लोरियों-लोकगाथाओं में प्रकृति से रिश्ते की बात करना, हमने प्रकृति को हमेशा सजीव माना है, सहजीव माना है: पीएम मोदी
-ये भारत की उस महान नारी का सम्मान है, जिसके लिए सदियों से Reuse और Recycle रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा रहा है। जो पौधे में भी परमात्मा का रूप देखती है। जो तुलसी की पत्तियां भी तोड़ती है, तो गिनकर। जो चींटी को भी अन्न देना पुण्य मानती है: पीएम मोदी
-ये भारत के जंगलों में बसे आदिवासी भाई-बहनों का सम्मान है,जो अपने जीवन से ज्यादा जंगलों से प्यार करते हैं ये भारत के मछुआरों का सम्मान है, जो समंदर से उतना ही लेते हैं,जितना अर्थ उपार्जन के लिए आवश्यक होता है ये भारत के किसानों का सम्मान है, जिनके लिए ऋतुचक्र ही जीवनचक्र है: पीएम मोदी
-ये सम्मान पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भारत की सवा सौ करोड़ जनता की प्रतिबद्धता का है। चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवॉर्ड, भारत की उस नित्य नूतन चीर पुरातन परंपरा का सम्मान है, जिसने प्रकृति में परमात्मा को देखा है। जिसने सृष्टि के मूल में पंचतत्व के अधिष्ठान का आह्वान किया है: पीएम मोदी
-प्रकृति में परमात्मा को देखना चाहिए। पर्यावरण और आपदा का संस्कृति से सीधा रिश्ता है: पीएम मोदी
-संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने पर्यावरण के क्षेत्र में योगदान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'चैंपियंस ऑफ द अर्थ' अवॉर्ड से सम्मानित किया
-पीएम मोदी ने स्वीकार किया कि जयवायु परिर्वतन से हमें सीधे तौर पर खतरा है। वह जानते हैं कि इस आपदा से बचने के लिए हमें किस चीज की जरूरत है: एंटोनियो गुटेरेस, संयुक्त राष्ट्र महासचिव
-ग्रीन इकॉनमी का आने वाले दशक में बड़ा योगदान होगा: एंटोनियो गुटेरेस
-पीएम मोदी ने (पर्यावरण के क्षेत्र में) जिस नेतृत्व का प्रदर्शन किया है, दुनिया में उसकी कमी है: एंटोनियो गुटेरेस
-भारत में जब भवन बनाए जाते हैं तो भूमि-पूजन किया जाता है: सुषमा स्वराज
-पृथ्वी हमारे लिए ग्रह नहीं है, बल्कि वह हमारे लिए मां है: सुषमा स्वराज
-आज भारत के लिए बहुत बड़े गौरव का दिन है। आज हमारे प्रधानमंत्री को पर्यावरण के क्षेत्र में नेतृत्व देने के लिए 'चैंपियंस ऑफ द अर्थ' अवॉर्ड से सम्मानित किया जा रहा है: सुषमा स्वराज
वार्षिक ‘‘चैम्पियंस आफ अर्थ’’ पुरस्कार सरकार, सिविल सोसाइटी एवं निजी क्षेत्र में ऐसे असाधारण नेताओं को दी जाती है जिनके कदमों से पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। मोदी के अलावा यह सम्मान पांच अन्य व्यक्तियों और संगठनों को भी दिया जाएगा। ये अवॉर्ड पाने वाले चैंपियंस छह अलग-अलग वर्गों में विभाजित होते हैं। ये चैंपियंस नीति नेतृत्व, विज्ञान व नवाचार, प्रेरणा व एक्शन, लाइफटाइम अचीवमेंट और उद्यमी विजन श्रेणी के तहत चुने जाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा 'चैंपियंस ऑफ द अर्थ' अवॉर्ड संयुक्त रुप से फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों को दिया जाएगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमेनुएल मैक्रों तीन अक्टूबर को एक कार्यक्रम में संयुक्त रुप से चैंपियंस ऑफ अर्थ अवार्ड ग्रहण करेंगे। यह कार्यक्रम प्रवासी भारतीय केंद्र में होगा।' संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों को ये अवॉर्ड प्रदान करेंगे।