नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार एक इंटरव्यू में सर्जिकल स्ट्राइक की पूरी कहानी बयान किया वहीं उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि अयोध्या में राम मंदिर पर अध्यादेश लाने पर कोई भी फैसला न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही हो सकता है लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने के वास्ते हरसंभव कोशिश करने के लिए तैयार है। मोदी की यह टिप्पणी आरएसएस समेत हिंदुत्व संगठनों की तेज होती उस मांग के बीच आई है कि मंदिर के जल्द से जल्द निर्माण के लिए एक अध्यादेश लाया जाए। प्रधानमंत्री मोदी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘‘न्यायिक प्रक्रिया को अपना काम करने दें। इसे राजनीतिक दृष्टि से ना तोलें। न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने दें। न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद सरकार के तौर पर हमारी जो भी जिम्मेदारी होगी उसके लिए हम हरसंभव कोशिश करने के लिए तैयार हैं।’’
विपक्षी दलों में एकता नहीं
पीएम मोदी ने कहा कि विपक्षी दलों में एकता नहीं है और न ही कोई संयुक्त विजन है कि वे देश के लिए क्या करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि महागठबंधन खुद को बचाने वाले नेताओं का गुट है। उनका टारगेट सिर्फ मोदी है, महागठबंधन के नेता सिर्फ मोदी को गाली देते है। विपक्षी दल खुद को बचाने के लिए सहारा ढूंढ रहे हैं। पीएम ने कहा कि पिछले पांच सालों की मीडिया रिपोर्ट्स का विश्लेषण किया जाए तो पाएंगे कि गठबंधन में कुछ ठोस नहीं है। वे अभी भी अलग-अलग आवाज में बात करते हैं। वे एक दूसरे की तरफ खुद को बचाने के लिए देख रहे हैं। विपक्षी दल खुद को बचाने के लिए सहारा ढूंढ रहे हैं असली खेल यही है।
बीजेपी को फिर जनता का आशीर्वाद मिलेगा
पीएम मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि सरकार के काम को देखते हुए एक बार फिर बीजेपी को जनता का आशीर्वाद मिलेगा। उन्होंने कहा, ''मुझे भरोसा है कि यह चुनाव जो जनता की उम्मीदों पर पूरा करते है और जो उनकी आकांक्षाओं को रोकते हैं उनके बीच होगा। यह 70 साल का तजुर्बा है कि जनता ही निर्णायक है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव जनता बनाम गठबंधन होगा। मोदी तो सिर्फ लोगों के प्यार और आशीर्वाद की अभिव्यक्ति है।''
पाकिस्तान महज ‘‘एक लड़ाई’’ से नहीं सुधरेगा:पीएम
सर्जिकल स्ट्राइक के बावजूद पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को दिए जा रहे समर्थन पर रोक नहीं लगा पाने के लिए आलोचना के बीच प्रधानमंत्री ने मंगलवार को कहा कि यह सोचना बहुत ‘‘बड़ी गलती’’ होगी कि पाकिस्तान महज ‘‘एक लड़ाई’’ से सुधर जाएगा। प्रधानमंत्री कार्यालय ने मोदी को उद्धृत करते हुए ट्वीट किया, ‘‘पाकिस्तान एक लड़ाई से नहीं सुधरने वाला। पाकिस्तान को सुधरने में अभी और समय लगेगा। भारत के सभी प्रधानमंत्रियों ने, चाहे वो किसी भी दल के रहे हों, किसी ने भी बातचीत का विरोध नहीं किया।’’ मोदी ने कहा, ‘‘बम और बंदूक के शोर में बातचीत नही सुनी जा सकती। आतंकवाद का समर्थन करने वाला पाकिस्तान आज अलग-थलग पड़ गया है।’’
सरकार किसान विरोधी नहीं
उन्होंने विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया कि सरकार किसान विरोधी है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘बैंकों से कर्ज लेने वाले किसानों की संख्या कम है। ज्यादातर किसान साहूकार से कर्ज लेता है। जब सरकारें ऐसी घोषणा करती है तो उसमें असल किसान नहीं आ पाता है। जो किसान मर रहे हैं, वे ऐसी योजनाओं के दायरे से बाहर हैं।’’ आरबीआई गवर्नर के पद से इस्तीफा देने के लिए पटेल को मजबूर करने पर विपक्ष के आरोपों पर मोदी ने कहा कि वह निजी कारणों से छह महीने से सेवा से मुक्त करने का आग्रह कर रहे थे और लिखित में भी अनुरोध किए गए।
देश के भगोड़ों से पाई-पाई लेकर रहेंगे
विजय माल्या और नीरव मोदी पर उन्होंने कहा, "देश के भगोड़ों से पाई-पाई लेकर रहेंगे। जो भागे हैं, उनको वापस देश लाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कानून की मदद ली जा रही है। सरकार ने भगोड़ों की संपत्ति जब्त करने का कानून बनाया है। उन्हें देश से इसलिए भागना पड़ा, क्योंकि पहले की तरह वो कानून का मखौल उड़ाकर देश में सुरक्षित नहीं रह सकते थे। मैं आश्वस्त करता हूं कि हिंदुस्तान का चुराया हुआ पैसा लाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।"
गंगा सफाई बहुत बड़ा काम
गंगा की सफाई के मुद्दे पर उन्होंने कहा, "गंगा सफाई बहुत बड़ा काम है। गंगा में गंदगी डालने से रोकने का काम मुख्य है। कोशिशों के बाद 120 साल पुराना गंदा नाला गंगा में गिरने से रोका गया है। हम गंगा की सफाई के लिए लगातार और बड़ा काम कर रहे हैं।"
सर्जिकल स्ट्राई की पूरी कहानी
मोदी ने बताई सर्जिकल स्ट्राई की पूरी कहानी भी बताई। उन्होंने कहा, "भारतीय सेना योजनाबद्ध तरीके से 28-29 सितंबर की आधी रात पाकिस्तान की सीमा में 3 किलोमीटर के अंदर घुसी और आतंकियों के ठिकानों को तहस-नहस कर डाला। सर्जिकल स्ट्राइक एक बड़ा जोखिम था. मुझे सैनिकों की सुरक्षा की चिंता थी। हमने सैनिकों को सूर्योदय से पहले लौटने को कहा था। सैनिकों की सुरक्षा मेरी पहली प्राथमिकता थी। उन्हें कहा गया था कि मिशन सक्सेस हो या नहीं, लेकिन सूर्योदय से पहले वे लौट आएं। जिन जवानों को हमने सीमा के पार भेजा था उनके लौटने तक हमारी सांसें अटकी हुई थीं।"