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मां का जिक्र कर रो पड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी!

नई दिल्ली: फेसबुक के अमेरिका स्थित कार्यालय में लोगों से बातचीत के समय अपनी मां का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज काफी भावुक हो गए और उन्होंने भरी आवाज में बताया कि गरीब

Bhasha
Updated on: September 28, 2015 11:00 IST
मां का जिक्र कर रो पड़े...- India TV Hindi
मां का जिक्र कर रो पड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी!

नई दिल्ली: फेसबुक के अमेरिका स्थित कार्यालय में लोगों से बातचीत के समय अपनी मां का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज काफी भावुक हो गए और उन्होंने भरी आवाज में बताया कि गरीब परिवार का होने के कारण उनकी मां ने उनके लालन पालन के लिए आस पड़ोस के घरों में बर्तन मांजे और मजदूरी की।

टाउन हाल कार्यक्रम में फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने प्रधानमंत्री से सवाल किया था कि उनके इस मुकाम तक पहुंचने में उनकी मां का क्या योगदान रहा।

मां का जिक्र करते हुए उन्हांेने कहा, छोटा था, हमारा गुजारा करने के लिए :यह कहते हुए उनका गला भर आया और कुछ देर अपने को संभालने का प्रयास करते रहे:... मां आसपास पड़ोस के घरों में बर्तन साफ करती थीं, पानी भरती थीं, मजदूरी करती थीं। आप कल्पना कर सकते हैं एक मां ने अपने बच्चों को बड़ा करने के लिए कितना कष्ट उठाया।

मोदी ने भरे गले से जब अपने बचपन व मां के बारे में ये बाते कहीं तो कार्यक्रम में मौजूद सभी लोग भावुक हो उठे और बाद में सबने खडे़े होकर देर तक तालियां बजाते हुए उनकी भावनाओं से खुद को जोड़ा। इस अवसर पर मार्क के माता पिता भी उपस्थित थे।

मोदी ने कहा, हर किसी के जीवन में दो लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है... एक अध्यापक और दूसरी मां की। मेरे जीवन में मेरे मां बाप का बहुत बड़ा योगदान रहा। मैं काफी गरीब परिवार से हूं, लोग जानते हैं कि मैं रेलवे स्टेशन पर चाय बेचता था। कोई कल्पना नहीं कर सकता कि दुनिया के इतने बड़े लोकतंत्र ने नेता माना। इसके लिए मैं देश की सवा अरब जनता को नमन करता हूं जिन्होंने मुझ जैसे व्यक्ति को अपना बना लिया।

अपने बचपन का जिक्र करते हुए वह बहुत भावुक हो उठे और कहा कि वह बहुत सामान्य परिवार से हैं.. पिता रिपीट पिता नहीं रहे, माता हैं जो अब 90 साल की हैं लेकिन सारे काम खुद करती हैं। पढी लिखी नहीं है लेकिन टीवी से समाचार से उन्हें पता रहता है कि दुनिया में क्या चल रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, और ऐसा सिर्फ मोदी के मामले में ही नहीं है। भारत में ऐसी लाखों माताएं हैं जिन्होंने अपने बच्चों के सपनों के लिए पूरा जीवन आहूत कर दिया।

उन्होंने कहा, इसके लिए मैं सभी माताओं को शत शत वंदन करता हूं और आशा करता हूं कि उनकी प्रेरणा, उनका आशीर्वाद हमें शक्ति दे और सही रास्ते पर रखे। यही मां की सबसे बड़ी ताकत होती है।

मोदी ने कहा, कोई भी मां यह कभी नहीं चाहती कि उसका बेटा कुछ बन जाए, उसका प्रयास तो केवल यह होता है कि उसका बेटा कैसा बने और यही बड़ा फर्क होता है ।
महिला सशक्तिकरण के बारे में पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में मोदी ने कहा, दुनिया में भगवान की कल्पना सभी समाजों में की गई है लेकिन समाज में भगवान पुरष ही है। अकेले भारत में स्त्री भगवान की कल्पना हुई है। हमारे यहां दुर्गा, सरस्वती, अंबा.. काली इसके उदाहरण हैं।

उन्होंने कहा कि भारत आर्थिक विकास का लक्ष्य अपनी 50 प्रतिशत आबादी :महिलाओं: को घरों में बंद रखकर हासिल नहीं कर सकता। इस 50 प्रतिशत आबादी को कंधे से कंधा मिलाकर 100 प्रतिशत भागीदार होना पड़ेगा और सरकार यह प्रयत्न कर रही है।
इस संदर्भ में उन्होंने बताया कि पुलिस में 30 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है और हमारे यहां अधिकतर स्थानीय निकायों में महिलाआंे के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण है।

उन्हांेने कहा कि लेकिन यह प्रयास करना जरूरी है कि महिलाएं निर्णय प्रक्रिया में अग्रणी भूमिका निभाएं।

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