नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मिस्र में एक मस्जिद पर हुए हमले की निंदा की और कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का पुरजोर समर्थन करता है। इस हमले में आज कम से कम 235 लोग मारे गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मिस्र में एक प्रार्थना स्थल पर हुए बर्बर आतंकवादी हमले की सख्त निंदा करता हूं। बेकसूर लोगों की जान जाने पर हमारी गहरी संवदेनाएं।’’
उन्होंने कहा कि भारत सभी तरह के आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का पुरजोर समर्थन करता है और मिस्र के लोगों और वहां की सरकार के साथ खड़ा है। वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया कि भारत सरकार आतंकवाद के इस जघन्य कृत्य की कड़ी निंदा करती है। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में सरकार और भारत के लोग मिस्र के लोगों और वहां की सरकार के साथ खड़े हैं।
बता दें कि मिस्र के अशांत उत्तरी सिनाई में आतंकवादियों ने शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान एक मस्जिद पर बम हमला किया जिससे कम से कम 235 नमाजियों की मौत हो गई और 109 अन्य घायल हो गए। सूत्रों ने बताया कि अलआरिश शहर के अल रौदा मस्जिद के समीप यह बम रखा गया था जो नमाज के दौरान फट गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 4 वाहनों में सवार बंदूकधारियों ने मौके से भागने से कोशिश कर रहे लोगों पर गोलियां भी चलाईं। ‘अहराम ऑनलाइन’ के अनुसार कम से कम 235 नमाजियों की मौत हो गई और 109 अन्य घायल हो गए। विस्फोट में मस्जिद को भी काफी नुकसान पहुंचा है।
मिस्र के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता खालिद मुजाहिद ने इस घटना को ‘आतंकी हमला’ करार दिया। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि जिन लोगों को निशाना बनाया गया है वे सुरक्षा बलों के समर्थक हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मस्जिद में सूफी विचार को मानने वाले लोग इस मस्जिद में आते थे। घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए करीब 50 एंबुलेंस को मौके पर भेजा गया। अब तक किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। मिस्र की सरकार ने 3 दिनों के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है।
साल 2013 में मोहम्मद मुर्सी को राष्ट्रपति पद से अपदस्थ किए जाने के बाद उत्तरी सिनाई में हमलावरों ने पुलिस और सेना को निशाना बनाया है। इसके बाद से 700 से अधिक सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं। सेना ने इलाके में सैन्य अभियान शुरू कर रखा है, संदिग्धों को गिरफ्तार किया और आतंकवादियों के मकानों को ध्वस्त कर दिया।
मिस्र में इस साल कई आतंकी हमले हुए हैं। बीते 26 मई को मिस्र के मध्य क्षेत्र में ईसाई समुदाय के लोगों को ले जा रही बस पर बंदूकधारियों ने हमला किया गया था जिसमें कम से कम 28 लोग मारे गए थे और 25 अन्य घायल हो गए। अलेक्जेंड्रिया और टांटा में गिरजाघरों को निशाना बनाकर बीते 9 अप्रैल को 2 आत्मघाती हमले हुए थे जिनमें 46 लोग मारे गए थे।