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'घोड़ों के अस्तबलों के लिए बने हटमेंट्स से चल रहा था डिफेंस का कामकाज, किसी ने नहीं दिया था ध्यान'

सेंट्रल विस्टा का विरोध करने वाले लोगों पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का यह भी एक हिस्सा है, सेना के अफसरों के लिए व्यवस्था विकसित हो रही है, जो लोग सेंट्रल विस्टा के प्रोजेक्ट के पीछे डंडा लेकर पड़े थे, वे बड़ी चतुराई से इसपर बिल्कुल चुप रहते थे क्योंकि उनको पता है कि यह जानकारी जब सामने आएगी तो उनकी गपबाजी चल नहीं पाएगी।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: September 16, 2021 14:57 IST

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजधानी नई दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यू में रक्षा कार्यालय परिसरों का उद्घाटन किया। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और  सेनाध्यक्ष जनरल एम.एम नरवणे भी मौज़ूद थे। उद्घाटन समारोह के बाद आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अभी तक डिफेंस से जुड़ा हमारा कामकाज दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान बनाए गए हटमेंट से ही चल रहा था। ऐसे हटमेंट्स जिनको उस समय घोड़ों के अस्तबल और बैरकों से संबंधी जरूरतों के अनुसार बनाया गया था।

प्रधानमंत्री ने कहा, "नई सुविधाओं के लिए डिफेंस से जुड़े सभी साथियों को बहुत बहुत बधाई, साथियों आप सभी परिचित हैं कि अभी तक डिफेंस से जुड़ा हमारा कामकाज दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान बनाए गए हटमेंट से ही चल रहा था। ऐसे हटमेंट्स जिनको उस समय घोड़ों के अस्तबल और बैरकों से संबंधी जरूरतों के अनुसार बनाया गया था।"

पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद के दशकों में इनको रक्षा मंत्रालय, थल सेना, नौ सेना और वायुसेना के दफ्तरों के रूप में विकसित करने के लिए समय समय पर हल्की फुल्की मरम्मत हो जाती थी, कोई ऊपर का अधिकारी आने वाला होता था तो थोड़ी पेंटिंग हो जाती थी, ऐसा ही चलता रहा था। उन्होंने कहा, "मैंने जब इन सबको देखा तो पहला विचार आया कि ऐसी बुरी अवस्था में हमारे इतने प्रमुख सेना के लोग देश की रक्षा के लिए काम करते हैं, इसकी इस हालत के संबंध में हमारे दिल्ली के मीडिया में क्यों कभी लिखा नहीं, वरना यह ऐसी जगह थी कि कोई इसकी आलोचना जरूर करता कि भारत सरकार क्या कर रही है, लेकिन ऐसा हुआ नहीं, किसी ने इसपर ध्यान नहीं दिया।"

उन्होंने कहा कि इन हटमेंट्स में आने वाली परेशानियों को भी आप लोग भली भांति जानते हैं, आज जब 21वीं सदी के भारत की सैन्य ताकत को हम हर लिहाज से आधुनिक बनाने में जुटे हैं, एक से एक आधुनिक हथियारों से लैस करने में जुटे हैं, बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाया जा रहा है, सीडीएस की नियुक्ति हुई, सेना की प्रोक्योरमेंट तेज हुई है तब देश की रक्षा और सुरक्षा से जुड़ा कामकाज दशकों पुराने हटमेंट्स से हो यह कैसे संभव हो सकता था, इसलिए इन स्थितियों को बदलना भी जरूरी था।

सेंट्रल विस्टा का विरोध करने वाले लोगों पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा  कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का यह भी एक हिस्सा है, सेना के अफसरों के लिए व्यवस्था विकसित हो रही है,  जो लोग सेंट्रल विस्टा के प्रोजेक्ट के पीछे डंडा लेकर पड़े थे, वे बड़ी चतुराई से इसपर बिल्कुल चुप रहते थे क्योंकि उनको पता है कि यह जानकारी जब सामने आएगी तो उनकी गपबाजी चल नहीं पाएगी। पीएम ने कहा कि ये नया डिफेंस ऑफिस कॉम्प्लेक्स हमारी सेनाओं के कामकाज को अधिक सुविधाजनक, अधिक प्रभावी बनाने के प्रयासों को और सशक्त करने वाला है।

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