नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत पिछले 24 घंटों में ज्यादा बिगड़ गई है और उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी। वाजपेयी को गुर्दा (किडनी) नली में संक्रमण, छाती में जकड़न, मूत्रनली में संक्रमण आदि के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था। एम्स ने एक बयान में कहा, ‘‘दुर्भाग्यवश, पिछले 24 घंटों में उनकी हालत ज्यादा बिगड़ गई है। उनकी हालत नाजुक है और वह जीवन रक्षक प्रणाली पर हैं।’’
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एम्स अस्पताल में पहुंचे और उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। पीएम मोदी शाम करीब 7:15 बजे अस्पताल पहुंचे और वहां करीब 50 मिनट तक रुके। पीएम मोदी के बाद रेल मंत्री पीयूष गोयल और भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी भी एम्स पहुंचे। उनसे पहले केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी भी वाजपेयी के स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए एम्स गयी थीं।
पिछले हफ्ते अटल बिहारी वाजेपेयी की तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी। हालांकि अभी उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। आपको बता दें कि पू्र्व प्रधानमंत्री वाजपेयी (93) को पेशाब मार्ग में संक्रमण और छाती में तकलीफ की शिकायत के बाद एम्स में भर्ती किया गया था।
अटल बिहारी वाजपेयी पहले 1996 में कुछ दिनों के लिए और बाद में 1998 से 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। स्वास्थ कारणों से वह पिछले एक दशक से ज्यादा समय से सक्रिय राजनीति से दूर हैं। वह कार्डियक व वैस्क्युलर सर्जरी विभाग के आईसीयू में भर्ती हैं।
1977 में जब इंदिरा गांधी के नेतृत्वब वाली कांग्रेस पार्टी को हराकर मोरारजी देसाई के नेतृत्व में सरकार बनी थी तो वाजपेयी मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री थे। 25 दिसंबर 2014 को उन्हें भारत के सर्वोच्चल नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न ’ से नवाजा गया था। नरेंद्र मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद उनकी जन्म तिथि 25 दिसंबर को ‘सुशासन दिवस’ घोषित किया।