करीब 15 साल से भी अधिक समय के इंतजार के बाद सोमवार को दिल्ली और हरियाणा के लोगों को वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे यानि कि कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस वे की सौगात मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के सुल्तानपुर में इस महत्वाकांक्षी एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके अलावा बल्लभगढ़ और मुजेसर के बीच वॉयलट मेट्रो लाइन का भी उद्घाटन भी किया। इसके साथ ही मेट्रो सेवा से जुड़ने वाला बल्लभगढ़ हरियाणा का तीसरा शहर हो गया है। अभी तक फरीदाबाद और गुरुग्राम मेट्रो सेवा से जुड़े हैं। प्रधानमंत्री इसी के साथ ही पलवल में विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी की आधारशिला भी रखी।
ऐसा होगा दिल्ली के बाहर का नया रिंग एक्सप्रेस-वे
पीएम मोदी के भाषण की मुख्य बातें
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लोग वहीं हैं, काम करने वाले वही हैं, लेकिन जब इच्छाशक्ति हो, संकल्पशक्ति हो, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। यही वजह है कि जहां साल 2014 से पहले देश में एक दिन में सिर्फ 12 किलोमीटर हाईवे बनते थे, आज लगभग 27 किलोमीटर हाईवे का प्रतिदिन निर्माण हो रहा है: पीएम मोदी
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पहले की सरकार में जिस तरह काम हुआ, वो एक केस स्टडी है कि कैसे जनता के पैसे को बर्बाद किया जाता है। जब ये प्रोजेक्ट शुरू हुआ था, तो अनुमान लगाया गया था कि इस पर 1200 करोड़ रुपए खर्च होंगे। आज इतने वर्षों की देरी की वजह से इसकी लागत बढ़कर 3 गुना से ज्यादा हो गई: पीएम मोदी
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इस एक्सप्रेस-वे का इस्तेमाल कामनवेल्थ गेम्स में होना था। लेकिन कामनवेल्थ खेल जो गति की गई, वही कहानी इस एक्सप्रेस वे की भी है। मुझे ध्यान है कि जब प्रगति की बैठकों में मैंने इस प्रोजेक्ट की समीक्षा करनी शुरु की थी, तो कितने सारे पेंच पता चले थे: पीएम मोदी
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वो तस्वीर याद दिलाती है कि इस एक्सप्रेसवे पर 12 साल से काम चल रहा था। वो तस्वीर याद दिलाती है कि ये एक्सप्रेसवे आपको 8-9 साल पहले ही मिल जाना चाहिए था।लेकिन ऐसा हुआ नहीं.. पहले की सरकारों के जो तौर-तरीके थे, उसने इस एक्सप्रेसवे को पूरा होने में 12 साल लगा दिए: पीएम मोदी
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आज का ये अवसर दो तस्वीरों को याद करने का भी है। एक तस्वीर वर्तमान की है। ये तस्वीर भाजपा सरकारों की कार्यसंस्कृति की है, हमारे काम करने के तरीके की है। वहीं दूसरी तस्वीर हमें पहले की सरकार के समय में कैसे काम होता था, इसकी याद दिलाती है: पीएम मोदी
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इसके साथ ही करीब 500 करोड़ की लागत से बनी बल्लभगढ़ मुजेसर मेट्रो लाइन की शुरुआत भी हो गई है। ये दोनों योजनाएं जहां कनेक्टिविटी को लेकर इस क्षेत्र में नई क्रांति लाएंगी, वहीं श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के जरिए यहां के युवाओं को नई ताकत मिलेगी: पीएम मोदी
- अभी कुण्डली- मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे को देश को समर्पित करने का मौका मिला है। इसका पहला चरण 2 वर्ष पहले पूरा हो गया था। दूसरा चरण, जो कुण्डली से मानेसर तक, 83 किलोमीटर लंबा है, उसका आज लोकार्पण किया गया है। इसके साथ ही अब 135 km का ये एक्सप्रेसवे पूरा हो गया है: पीएम मोदी
दिल्ली को मिलेगी नई रिंग रोड
वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे एक तरह से दिल्ली की नई रिंग रोड बन गया है। प्रधानमंत्री इस साल मई में 135 किमी लंबे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे की शुरुआत कर चुके हैं। यह एक्सप्रेस वे पलवल से ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, बागपत होते हुए कुंडली तक जाता है। वहीं नया वेस्टर्न एक्सप्रेस वे पलवल मानेसर को कंडली से जोड़ेगा। इसकी लंबाई 83 किमी होगी। इस प्रकार यह दिल्ली के लिए एक नई रिंगरोड का काम करेगी।
क्या है केएमपी एक्सप्रेस वे और इसके फायदे
- केएमपी एक्सप्रेस वे को वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे भी कहा जा सकता है। केएमपी एक्सप्रेस वे को 2009 में पूरा होना था। लेकिन विभिन्न कारणों से इसका निर्माण टलता रहा।
- सबसे पहली बार केएमपी का प्रस्ताव 2003 में आया था। तब इसकी लागत 1915 करोड़ थी।
- इसकी कुल लंबाई 83 किमी. की होगी। यह एक्सप्रेस वे हरियाणा के 5 जिलों सोनीपत, झज्झर, गुरुग्राम, मेवात और पलवल से होकर गुजरेगा।
- इससे पहले इसी साल प्रधानमंत्री ने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे की शुरूआत की थी। यह पलवल से लेकर गाजियाबाद को जोड़ता है।
- ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल वे इस एक्सप्रेस वे से 8 राज्यों के कुल मिलाकर 50000 भारी वाहन गुजरेंगे। यह हाइवे इन्हें दिल्ली से डायवर्ट करने का काम करेगा।
- इससे दिल्ली आने वाले वाहनों की संख्या में 30 से 35 प्रतिशत की कमी आएगी।
- यह सोनीपत के पास एनएच 1, बहादुर गढ़ के पास एनएच 10, मानेसर में एनएच 8 और पलवल के पास एनएच 2 को जोड़ेगा।
- इस 6 लेन एक्सप्रेस वे में पार्किंग, पेट्रोल पंप, हेलीपैड, पुलिस स्टेशन, अस्पताल, होटल आदि उपलब्ध होंगे। इसमें 8 छोटे और 6 बड़े पुल, 4 रेलवे ओवर ब्रिज, 34 अंडरपास और 64 पैदल पार पुल होंगे।
- यहां कारों के लिए स्पीड लिमिट 120 किमी प्रति घंटा और भारी वाहनों के लिए 100 किमी प्रति घंटा होगी।
- इससे दिल्ली को प्रदूषण से निजाद मिलेगी। भारी वाहनों को दिल्ली होकर जाने की जरूरत नहीं होगी।