नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में विशाल भगवद् गीता का विमोचन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज मुझे दिव्यतम ग्रंथ गीता के भव्यतम रूप को राष्ट्र को समर्पित करने का मौका मिला है। ये अवसर मेरे लिए इसलिए भी खास है, क्योंकि दो दशक पहले अटल जी ने इस मंदिर परिसर का शिलान्यास किया था।
पीएम ने कहा, श्रीमद् भागवद् गीता भारत का दुनिया को सबसे प्रेरक उपहार है। गीता पूरे विश्व की धरोहर है। गीता हजारों साल से प्रासंगिक है। इस्कॉन मंदिर पहुंचने के लिए पीएम मोदी ने दिल्ली के खान मार्केट मेट्रों स्टेशन से मेट्रो की सवारी की। पीएम मोदी को अक्सर ही मेट्रो का सफर करते देखा जाता है। वहीं, यात्रा के दौरान पीएम मोदी को अपने बीच पाकर सहयात्रियों ने उनके साथ सेल्फी ली।
उन्होनें कहा कि देश विदेश की अनेक भाषाओं में श्रीमद् भगवद् गीता का अनुवाद हो चुका है। लोकमान्य तिलक ने जेल में रहकर गीता के रहस्य को भी लिखा है। उन्होंने मराठी में गीता के ज्ञान को लोगों तक पहुंचाया। उन्होंने गीता का गुजराती में भी अनुवाद किया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर आप विद्यार्थी हैं और अनिर्णय की स्थिति में हैं, आप किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष हैं या फिर मोक्ष की कामना रखने वाले योगी आपको अपने हर प्रश्न का उत्तर श्रीमद्भागवत गीता में मिल जाएगा। गीता मानव जीवन की सबसे बड़ी मैन्युअल बुक है। जीवन की हर समस्या का हल गीता में मिल जाता है।
पीएम ने बताया कि गीता धर्मग्रंथ तो है पर ये जीवन ग्रंथ भी है। हम किसी भी देश के हों, किसी भी पंथ के मानने वाले हों पर हर दिन समस्याएं घेरती हैं। हम जब भी वीर अर्जुन की तरह अनिर्णय के दोराहे पर खड़े होते हैं तो गीता हमें सेवा और समर्पण के रास्ते इन समस्याओं के हल दिखाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मानवता के दुश्मनों से धरती को बचाने के लिए प्रभु की शक्ति हमारे साथ हमेशा रहती है। यही संदेश हम पूरी प्रामाणिकता के साथ दुष्ट आत्माओं, असुरों को देने का प्रयास कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर आप विद्यार्थी हैं और अनिर्णय की स्थिति में हैं, आप किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष हैं या फिर मोक्ष की कामना रखने वाले योगी आपको अपने हर प्रश्न का उत्तर श्रीमद्भागवत गीता में मिल जाएगा। गीता मानव जीवन की सबसे बड़ी मैन्युअल बुक है। जीवन की हर समस्या का हल गीता में मिल जाता है। गीता धर्मग्रंथ तो है पर ये जीवन ग्रंथ भी है। हम किसी भी देश के हों, किसी भी पंथ के मानने वाले हों पर हर दिन समस्याएं घेरती हैं। हम जब भी वीर अर्जुन की तरह अनिर्णय के दोराहे पर खड़े होते हैं तो गीता हमें सेवा और समर्पण के रास्ते इन समस्याओं के हल दिखाती है।
विशाल भगवतगीता से जुड़ी महत्तवपूर्ण बातें-
- विशाल भगवद् गीता में 670 पृष्ठ हैं और उसका वजन 800 किलोग्राम है इसका आकार 2.8 मीटर गुणा 2 मीटर है।
- इसे ‘‘दुनिया की अब तक मुद्रित सबसे बड़ी पवित्र पुस्तक’’ के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
- पुस्तक में 18 अति सुंदर चित्र हैं। इस पुस्तक को इटली के मिलान में वाईयूपीओ सिंथेटिक कागज पर मुद्रित किया गया है ताकि यह फटने और पानी से सुरक्षित (वाटरप्रूफ) बनाया जा सके।
- इस पुस्तक का निर्माण करने में पूरे ढ़ाई साल लगे। जिसकी लागत डेढ़ करोड़ रुपए है।
- इसके कवर पेज को बनाने के लिए सैटेलाइट के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कार्बन फाइबर का इस्तेमाल किया गया है।