नई दिल्ली: मुस्लिम समाज में एक बार में तीन तलाक कहने की प्रथा को सुप्रीम कोर्ट द्वारा कल असंवैधानिक करार दिए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो ट्वीट किया वो सोशल मीडिया में छा गया। इस पर हजारों की संख्या में लाइक्स मिले और लोगों ने इसे जमकर रीट्वीट किया।
उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, माननीय उच्चतम न्यायालय का फैसला ऐतिहासिक है। यह मुस्लिम महिलाओं को समानता का अधिकार प्रदान करने और महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में सशक्त कदम है। उनके इस ट्वीट को आज शाम तक 64 हजार से अधिक लोग लाइक कर चुके थे और इसे 22.2 हजार बार रीट्वीट किया गया था। इस ट्वीट पर 6.4 हजार लोगों ने प्रधानमंत्री को अपनी सीधी प्रतिक्रिया दी।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के ट्विटर हैंडल से अपने बयान वाले 6 ट्वीट को रीट्वीट किया जिसे लोगों ने खूब लाइक किया। उन्होंने जिस पहले ट्वीट को रीट्वीट किया उसे 3.1 हजार लाइक्स मिले और 1.1 हजार बार रीट्वीट किया गया। इसी तरह दूसरे ट्वीट को 4.4 हजार, तीसरे ट्वीट को 3.8 हजार, चौथे ट्वीट को 3.5 हजार, पांचवे ट्वीट को 5.8 हजार और छठे ट्वीट को 5.7 लाइक्स मिले।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने तीन तलाक के मामले कल जो ट्वीट किए उसे भी लोगों ने खूब रीट्वीट किया और लाइक भी किया। फैसला आने के बाद जेटली ने दो ट्वीट किए। जेटली ने अपने ट्वीट में कहा, इस फैसले से मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ अन्याय समाप्त होगा जो एकतरफा ढंग से वैवाहिक संबंध समाप्त करने के कारण पीड़ित रही हैं।
उनके पहले ट्वीट पर 23 अगस्त को शाम तक 2.3 हजार लाइक्स मिले और 339 बार रीट्वीट किया गया। उनके दूसरे ट्वीट को 3.1 हजार लाइक्स मिले और 449 बार रीट्वीट किया गया। बाद में जेटली ने इस मामले पर अपने बयान के एक वीडियो का यूट्यूब लिंक भी शेयर किया जिसे दो हजार लोगों ने लाइक किया और 471 बार रीट्वीट किया गया।
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस मामले पर ट्वीट कर कहा, यह एक ऐतिहासिक निर्णय है। हम इसका स्वागत करते हैं। यह उन सभी महिलाओं की जीत है जो मजबूती के साथ खड़ी रहीं। प्रसाद के ट्वीट पर आज शाम तक 989 लाइक्स आए और इसे 257 बार रीट्वीट किया गया।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए जो ट्वीट किया उसे 6.9 हजार लोगों ने लाइक किया। इसे 2.4 हजार रीट्वीट किया गया। राहुल ने अपने ट्वीट में कहा, एक बार में तीन तलाक को निरस्त करने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करता हूं। मैं न्याय के लिए संघर्ष करने वाली महिलाओं को बधाई देता हूं।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ ने बहुमत के निर्णय में मुस्लिम समाज में एक बार में तीन बार तलाक देने की प्रथा को निरस्त करते हुए इसे असंवैधानिक, गैरकानूनी और अमान्य करार दिया। न्यायालय ने कहा कि तीन तलाक की यह प्रथा कुरान के मूल सिद्धांत के खिलाफ है।