संसद द्वारा पिछले सप्ताह नए कृषि कानून पारित किए गए हैं। लेकिन इन्हें किसान विरोधी ठहराते हुए विपक्ष कई किसान संगठनों के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन कर रहा है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में किसानों के मन में घर किए इन्हीं असमंजस को दूर करने का प्रयास किया प्रधानमंत्री ने बताया कि किस तरह देश के विभिन्न किसान इन बदलावों का फायदा उठा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां कहा जाता है, जो ज़मीन से जितना जुड़ा होता है वो बड़े-से-बड़े तूफानों में भी उतना ही अडिग रहता है। कोरोना के इस कठिन समय में हमारा कृषि क्षेत्र, हमारा किसान इसका जीवंत उदाहरण है। संकट के इस काल में हमारे देश के कृषि क्षेत्र ने फिर अपना दमखम दिखाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई उदाहरण समझाते हुए कहा कि कई किसान बताते हैं कि कैसे खेती में अलग-अलग बदलाव आ रहा है।
सोनीपत के किसान कंवर चौहान का उदाहरण
प्रधानहरियाणा के सोनीपत जिले के किसान भाई कंवर चौहान ने बताया कि एक समय उन्हें मंडी से बाहर अपने फल और सब्जियां बेचने में दिक्कत आती थी, कई बार ऐसा करने पर फल सब्जी गाड़ियां तक जब्त हो जाती थी। लेकिन 2014 में फल और सब्जियों को apmc एक्ट से बाहर किया गया और इसका उन्हें लाभ हुआ। 4 साल पहले ही उन्होंने अपने गांव के किसानों के साथ मिलकर एक किसान संगठन की स्थापना की और आज उनके उत्पादन दिल्ली के कई फाइव स्टार होटलों में सीधे सप्लाई हो रहे हैं। किसान अच्छी कमाई कर रहे हैं और उनके पास अपने फल और सब्जियों को कहीं पर भी बेचने की ताकत है और यही उनकी तरक्की का आधार है
महाराष्ट्र का दिया उदाहरण
फल सब्जियों के अलावा किसान अपने खेतों में जो उगा रहे हैं उसको अपनी इच्छा के अनुसार जहां दाम मिले वहीं पर बेचने की आजादी मिल गई है। 3-4 साल पहले ही महाराष्ट्र में भी फल और सब्जियों को apmc के दायरे से बाहर किया गया था, महाराष्ट्र में भी कई फल और सब्जियों के किसानों की किस्मत बदली है। पुणे और मुंबई में किसान साप्ताहिक बाजार खुद चला रहे हैं, बिना बिचौलिए के उत्पाद बेच रहे हैं और उसका सीधा लाभ किसानो को हो रहा है।
तमिलनाडु के केला किसानों की सफलता
तमिलनाडु के थेमी जिले में एक केला फार्मर प्रोड्यूस कंपनी है जो कहने को तो कंपनी है लेकिन असल में किसानों का एक समूह है जिसे 5-6 साल पहले बनाया गया है। लॉकडाउन के दौरान सैंकड़ों मेट्रिक टन सब्जियां इन्होंने शहरों में बेची और बिना बिचौलिए के।
लखनऊ से गुजरात तक किसानों को हुआ फायदा
प्रधानमंत्री ने बताया कि लखनऊ का किसानों का एक समूह है जिसका नाम है इरादा फार्मर प्रोड्यूसर, इन्होंने भी लॉकडाउन के दौरान किसानों से सीधे फल और सब्जियां खरीदकर बाजार में बेची। गुजरात के बनासकाठा में इस्माइल भाई एक किसान हैं, वे खेती करना चाहते थे और उनके परिवार को लगता था कि ये कैसी बात करते हैं और परिवार वाले भी मना करते थे। लेकिन इसके बावजूद इस्माइल भाई ने खेती शुरू की लेकिन नए तरीकों से, आलू की खेती शुरू की और आज उनके आलू एक पहचान बन गए हैं, ऐसे आलू पैदा कर रहे हैं जिनकी क्वॉलिटी बहुत अच्छी होती है और सीधे कंपनियों को बेचते हैं, बिचौलियों का कोई काम नहीं बीच में, उन्होंने अपने पिता का कर्ज भी चुका दिया है।