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महिला सशक्तीकरण के लिए महिलाओं का आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होना जरूरी: पीएम मोदी

दीनदयाल अंत्योदय योजना-एनआरएलएम महिला सशक्तीकरण के लिए सबसे बड़े संस्थागत मंच के रूप में उभरा है। इस मिशन ने अब 29 राज्यों एवं 5 केंद्र शासित राज्यों में 600 जिलों में फैले प्रखण्डों (ब्लॉक) में कार्यान्वयन आरंभ कर दिया है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 12, 2018 11:15 IST
पीएम मोदी (Photo,IndiaTV)- India TV Hindi
पीएम मोदी (Photo,IndiaTV)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए महिलाओं का आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होना जरूरी है और उनकी सरकार ने पिछले चार वर्षों में दीनदयालय अंत्योदय योजना, ग्रामीण आजीविका मिशन जैसी योजनाओं के जरिए गरीबों खासकर महिलाओं को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता के साथ पहल की है। प्रधानमंत्री ने नरेन्द्र मोदी एप के माध्यम से देशभर के स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं से संवाद करते हुए कहा कि महिला सशक्तीकरण हमारी सरकार की प्रतिबद्धता है और इसका उदाहरण है कि हमारी सरकार बनने से पहले 2011 से 2014 के बीच पांच लाख स्वयं सहायता समूह बने और सिर्फ 50 से 52 लाख परिवार इससे जुड़े थे। जबकि हमारी सरकार बनने के बाद 2014 से 2018 के बीच 20 लाख स्वयं सहायता समूह बने। इस प्रकार इनकी संख्या में चार गुणा वृद्धि दर्ज की गई और पहले की तुलना में चार गुणा अधिक परिवार इनसे जुड़े। यह माताओं, महिलाओं के प्रति हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 

प्रधानमंत्री मोदी ने की महिला सशक्तीकरण के मुद्दे पर बातचीत

मोदी ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि आज देशभर की एक करोड़ से ज्यादा महिलाओं से संवाद करने का अवसर मिला है जो अपने आप में संकल्प, उद्यमशीलता और सामूहिक प्रयासों का एक प्रेरणादायी उदाहरण है। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान की गरीब महिलाएं दुनिया के विश्वविद्यालयों को टीम भावना, मिलजुल कर काम करने और काम के बंटवारे का पाठ पढ़ा सकती हैं। मोदी ने कहा कि महिला सशक्तीकरण की जब हम बात करते हैं तो सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता महिलाओं को स्वयं की शक्तियों को, अपनी योग्यता को, अपने हुनर को पहचानने का अवसर उपलब्ध कराने की होती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज आप किसी भी सेक्टर को देखें, तो आपको वहां पर महिलाएं बड़ी संख्या में काम करती हुए दिखेंगी। देश के कृषि क्षेत्र, डेयरी क्षेत्र की तो महिलाओं के योगदान के बिना कल्पना ही नहीं की जा सकती है। 

ग्रामीण गरीब परिवारों तक स्थायी आजीविका उपलब्ध कराने का लक्ष्य

मोदी ने कहा कि हमारे देश के ग्रामीण इलाकों में छोटे उद्यमियों के लिए, श्रमिकों के लिए स्वयं सहायता समूह बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ये समूह एक तरह से गरीबों, खासकर महिलाओं की आर्थिक उन्नति का आधार बने हैं। ये ग्रुप महिलाओं को जागरूक कर रहे हैं, उन्हें आर्थिक और सामाजिक तौर पर मजबूत भी बना रहे हैं। सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत देश भर की 2.5 लाख ग्राम पंचायतों में करोड़ों ग्रामीण गरीब परिवारों तक पहुंचने का, उन्हें स्थायी आजीविका के अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। 

दीनदयाल अंत्योदय योजना से युवाओं के कौशल विकास पर विशेष ध्यान

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना को सभी राज्यों में शुरु किया जा चुका है। मैं सभी राज्यों और वहां के अधिकारियों का भी अभिनन्दन करना चाहूंगा जिन्होंने इस योजना को लाखों-करोड़ों महिलाओं तक पहुंचा कर उनके जीवन में सुधार लाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह का यह नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है, अलग-अलग क्षेत्र और व्यवसायों से जुड़ा हुआ है। सरकार उन्हें आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण, आर्थिक मदद और अवसर भी उपलब्ध करवा रही है। मोदी ने कहा कि दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत ग्रामीण युवाओं के कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। युवाओं को रोजगार और स्व-रोजगार, दोनों के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि देश के युवा अपनी आशा-आकांक्षा के अनुरूप आगे बढ़ सकें। 

प्रधानमंत्री ने देश के विभिन्न प्रदेशों में कार्यरत महिलाओं से उनका अनुभव जाना

प्रधानमंत्री ने बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत देश के विभिन्न प्रदेशों में कार्यरत स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं से उनका अनुभव जाना। उन्होंने बिहार की अमृता देवी से हुए संवाद का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे पता चला कि कैसे सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ने के बाद उनके जीवन में बदलाव आया। मोदी ने कहा, ‘‘बिहार के ही कुछ और उदाहरण हैं कि वहां स्वयं सहायता समूह के ढाई लाख से अधिक सदस्य प्रशिक्षण प्राप्त कर धान की बेहतर तरीके से खेती कर रहे हैं। इसी तरह लगभग 2 लाख सदस्य नए तरीक़ों से सब्जी की खेती कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के 22 जिलों में 122 बिहान बाजार आउटलेट बनाए गए हैं जहां स्वयं सहायता समूह के 200 प्रकार के उत्पाद बेचे जाते हैं। 

 

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