नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्वास्थ्य योजना के लाभार्थियों को संबोधित किया। स्वास्थ्य योजना के लाभार्थियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हर सफलता और समृद्धि का आधार है स्वास्थ्य। पीएम मोदी ने कहा कि हमने एक व्यक्ति के स्वास्थ्य से जुड़े सभी पहलुओं पर मिशन मोड में काम किया है। हर एक का स्वास्थ्य सुविधा तक पहुंच हो, ऐसी व्यवस्था हमने बनाई है। इलाज का सारा खर्च एक एंश्योरेंस के तहत कवर हो सके, इसकी व्यवस्था हमने की है। उन्होंने कहा कि अच्छी और सस्ती स्वास्थ सेवाएं जो गरीब से गरीब व्यक्ति तक पहुंच सके इसके लिए अच्छे अस्पतालों का निर्माण और डॉक्टरों की सीटें बढ़ाने का काम किया है। सवाल जवाब का एक लंबा सिलसिला रहा और पीएम ये जानने की कोशिश की कि कहीं ये योजना दिशा से भटक तो नहीं रही है। लोगों की जिंदगी को आसान बना रही है या नहीं।
अस्पतालों की तस्वीरों को देखिए तो यहां पहुंचने वाले मरीजों की हालत ऐसी है कि इलाज से ज्यादा खर्च दवाइयों में हो जाती है। दिल की बीमारी हो या फिर कोई सर्जरी, हजार की दवा कब लाख तक पहुंच जाती है पता ही नहीं चलता और गरीबों की जिंदगी कर्ज में डूबती चली जाती है इसलिए मोदी सरकार 3 साल पहले गरीबों के लिए एक ऐसी योजना लेकर आई थी ताकि गरीबों को सौ रुपये की दवा 20 रुपये में मिल सके और पचास रुपये की दवा 10 रुपये में मिल सके।
आज पीएम के सामने दिल के मरीज भी थे। घुटनों की बीमारी से जुझने वाले लोग भी थे। पीएम ने उनसे पूछा कि अस्पतालों में हार्ट स्टेंट और नी-रिप्लेसमेंट आसान हुआ या नहीं। मतलब योजना का हाल भी जाने और स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत भी। पीएम पता करना चाहते थे कि लाखों की दवा, अब हजार में मिलती है या नहीं। अब तक देश भर में 600 से ज्यादा जन औषधी दवाखाना सरकार खोल चुकी है।
जन औषधी दवाखाना में जेनरिक दवाइयां मिलती हैं जो बाजार मूल्य से काफी कम दाम में उपलब्ध रहती हैं। जेनरिक दवाइयां ब्रांडेड या फार्मा की दवाइयों के मुकाबले सस्ती होती हैं और इसकी क्वालिटी में किसी तरह की कमी नहीं होती। कोई-कोई दवा नब्बे फीसदी तक बाजार से सस्ती होती है। सरकार की ओर से 'जन औषधि स्टोर' बनाए गए हैं।
जन औषधि स्टोर अब हर छोटे बड़े शहर में सरकार की खोलने की योजना है। पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से सबसे आगे और सबसे अलग। इस योजना की खास बात ये भी है कि ये युवाओं को रोजगार का मौका देती है। दुकान खोलने से लेकर दवाइयां खरीदने तक सरकार पैसा देती है। बिक्री करने पर कमीशन तय होता है और यहीं से कमाई का सिलसिला शुरू होता है इसलिए पीएम आज नमो एप्प के जरिए मरीजों से मिलेंगे। दवा बेचने वालों से भी मिलेंगे और मिलेंगे उन लोगों से जिनके खर्चे लाखों से हजारों में सिमट गये हैं।