नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को ‘शिक्षा के पुनर्जीवन पर अकादमिक नेतृत्व’ सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इस सम्मेलन में शिक्षा एवं शोध गुणवत्ता, नवोन्मेष, उद्यमिता के आयाम, समावेशी कैम्पस, नैतिक शिक्षा, वित्तपोषण के विविध आयाम आदि के बारे में चर्चा होगी। सूत्रों ने बताया कि विज्ञान भवन में आयोजित इस सम्मेलन में करीब 350 विश्वविद्यालयों के कुलपति, निदेशक हिस्सा लेंगे। इसका आयोजन यूजीसी, एआईसीटीई, आईसीएसएसआर, आईजीएनसीए, जेएनयू और एसजीटी विश्वविद्यालय संयुक्त रूप से कर रहे हैं।
इस सम्मेलन के विषयों में भारतीय शिक्षा प्रणाली के समक्ष चुनौतियां तथा शिक्षा के क्षेत्र में हासिल किये जाने योग्य परिणाम एवं शिक्षा का नियमन शामिल है। सम्मेलन को आठ सत्रों में बांटा गया है। इसमें सीखने वालों पर केंद्रीत शिक्षा के आयामों को बेहतर बनाने एवं व्यवस्थित पठन पाठन के लिये आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस का उपयोग तथा रोजगार मांगने वालों से रोजगार सृजनकर्ता जिसमें नवोन्मेष एवं उद्यमिता को बढ़ावा देना शामिल है।
सम्मेलन में भारत की जरूरतों के अनुरूप शोध की गुणवत्ता को बेहतर बनाना, अकादमिक संसधानों को साझा करते हुए शैक्षणिक संस्थाओं में समन्वय बनाना, समावेशी एवं समन्वित परिसर बनाना, सहभागिता आधारित प्रशासनिक मॉडल, ठोस वित्तीय मॉडल का निर्माण तथा सार्वभौम मूल्यों पर आधारित नौतिक शिक्षा को बढ़ावा देने के विषय पर चर्चा होगी। सम्मेलन के समापण सत्र की अध्यक्षता मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर करेंगे जिसमें आठों विषयों पर समूह सहमत कार्ययोजना पर प्रस्तुती देंगे। इसमें उच्च शिक्षा क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिये समग्र कार्ययोजना सामने आने की उम्मीद है।