Highlights
- दुनिया का सबसे हल्का अटैक हेलीकॉप्टर
- एलसीएच का वजन 5.5 टन
- 12,000 फीट की ऊंचाई पर भी भर सकता है उड़ान
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) 19 नवंबर को उत्तर प्रदेश के झांसी में होंगे। वह यहां 'राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व' के दौरान रक्षा क्षेत्र की कई पहलों का शुभारंभ करेंगे और राष्ट्र को समर्पित करेंगे। रक्षा क्षेत्र में आत्मानिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री औपचारिक तौर पर स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किए गए उपकरणों को सशस्त्र बलों के सेवा प्रमुखों को सौंपेंगे। इनमें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा डिजाइन और विकसित लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) मुख्य है। इसे भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) को सौंपा जाएगा।
एलसीएच में प्रभावी लड़ाकू भूमिकाओं के लिए उन्नत तकनीकों और चालबाज़ सुविधाओं को शामिल किया गया है। एलसीएच को दुनिया का सबसे हल्का अटैक हेलीकॉप्टर बताया जा रहा है। इसका वजन 5.5 टन है। इसे 12,000 फीट की ऊंचाई पर भी ऑपरेट किया जा सकता है। यह ऊंचाई वाले इलाकों में दुश्मन को निशाना बनाने में मददगार साबित होगा। ऐसे क्षेत्रों में इससे भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ेगी।
यह चार हवा से हवा में हमला करने वाली मिसाइलों या चार 70 या 68 एमएम रॉकेट ले जाने में सक्षम है। एलसीएच में अग्रेषित इन्फ्रारेड सर्च, सीसीडी कैमरा और थर्मल विजन और लेजर रेंज फाइंडर भी है। इसमें उड़ान गोपनीयता की विशेषता सहति नाइट ऑपरेशन और दुर्घटना से बचने की बेहतरीन क्षमता है।
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इसके अलावा थल सेनाध्यक्ष को भारतीय स्टार्टअप द्वारा डिजाइन और विकसित किए गए ड्रोन/यूएवी सौंपे जाएंगे। वहीं, डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) द्वारा नौसेना के जहाजों के लिए निर्मित उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट को नौसेनाध्यक्ष को सौंपा जाएगा।
भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा भारतीय यूएवी की तैनाती भी भारतीय ड्रोन उद्योग इकोसिस्टम की बढ़ती परिपक्वता का प्रमाण है। उन्नत ईडब्ल्यू सूट का उपयोग विभिन्न नौसैनिक जहाजों में किया जाएगा, जिनमें विध्वंसक, युद्धपोत आदि शामिल हैं।
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प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे के झांसी खंड में 400 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे। बता दें कि टैंक रोधी निर्देशित मिसाइलों के लिए प्रणोदन प्रणाली का उत्पादन करने के लिए एक संयंत्र स्थापित करने के लिए भारत डायनेमिक्स लिमिटेड द्वारा इस परियोजना को कार्यान्वित किया जा रहा है।