नई दिल्ली: बॉलीवुड ऐक्टर अक्षय कुमार ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कई गैर-राजनीतिक मुद्दों पर बात की। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री के जीवन से जुड़े कई सवाल पूछे। जिसका पीए मोदी ने बेहद ही कूल अंदाज में जवाब देते नजर आए। इस इंटरव्यू के दौरान यह सवाल पूछने पर कि क्या आपको गुस्सा आता है, और आता है तो आप क्या करते हैं, पीएम ने कहा, 'मैं कहता हूं कि मुझे गुस्सा नहीं आता है, तो बहुत सारे लोगों को आश्चर्य होता है। हालांकि नाराजगी और गुस्सा मनुष्य के स्वभाव का हिस्सा है, लेकिन मेरे जिंदगी के एक हिस्से में मेरी ऐसी ट्रेनिंग हुई थी कि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में अपने लंबे करियर में ऐसा मौका कभी आया नहीं। मेरे अंदर गुस्सा होता होगा, लेकिन मैं इसे व्यक्त करने से रोकता हूं।'
पीएम मोदी का पोस्ट रिटायरमेंट प्लान
पोस्ट-रिटायरमेंट प्लान के सवाल पर पीएम ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि रिटायर होने का बाद सबसे पहले मैं अपनी नींद बढ़ाने के बारे में सोचूंगा। उन्होंने जवाब दिया, ‘हमलोगों के इनर सर्कल की एक मीटिंग थी जिसमें अटल जी, आडवाणी जी, राजमाता सिंधिया जी, प्रमोद महाजन और सबसे छोटा मैं था। बातें चलीं कि रिटायरमेंट के बाद क्या करेंगे। यह सवाल मुझसे पूछा गया तो मैंने कहा मुझे तो कुछ आता ही नहीं, इस बारे में सोचा नहीं। इसलिए कल्पना ही नहीं होती कि समय बिताने के लिए कुछ करना पड़ेगा। मुझे पक्का लगता है कि शरीर का कण-कण और समय के पल-पल किसी मिशन में लगाऊंगा।’
ममता दीदी आज भी साल में मेरे लिए एक-दो कुर्ते भेजती हैं
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेकर पीएम ने कहा कि ममता दीदी आज भी साल में मेरे लिए एक-दो कुर्ते भेजती हैं। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना जी साल में 3-4 बार खास तौर पर ढाका से मिठाई भेजती हैं। ममता दीदी को पता चला तो वो भी साल में एक-दो बार मिठाई जरूर भेज देती हैं।
1962 की जंग के बाद फौजी बनना चाहता था
मैं सन्यासी बनना चाहता था। काफी भटका हूं। बचपन में मेरा स्वाभाव था किताबें पढ़ना, बड़े बड़े लोगों का जीवन पढ़ता था। कभी फौज वाले निकलते थे तो बच्चों की तरह खड़ा होकर उन्हें सेल्यूट करता था। बचपन में फौज में जाने का मन करता था। दरअसल, 1962 का युद्ध होने के बाद हमारे यहां से काफी फौजी गुजरते थे। उन्हें सलाम करता था। मैं सेना में जाना चाहता था।
मुझे आम खाना पसंद है, पहले स्थिती ठीक नही थी
मैं आम खाता हूं और मुझे आम पसंद भी है। वैसे जब मैं छोटा था तो हमारे परिवार की स्थिति ऐसी नहीं थी की खरीद कर खा सकें। लेकिन हम खेतों में चले जाते थे और वहां पेड़ के पके आम खाते थे।
मैं अपनी मां को पैसा नहीं भेजता, मेरी मां आज भी मुझे पैसे देती है
मैं अपनी मां को पैसा नहीं भेजता, वही आज भी मुझे पैसा देती हैं। मैं जब भी मां से मिलता हूं वे ही सवा रूपया मुझे देती हैं। उन्होंने कहा कि मेरी सैलरी से परिवार को कुछ नहीं जाता है। इसका मतलब यह नहीं है कि मुझे मेरी मां से प्यार नहीं है। मेरी मां मुझसे कोई अपेक्षा नहीं रखती हैं। उन्होंने कहा कि मेरा परिवार को सरकारी खर्च नहीं लेता है।
प्रधानमंत्री बनने के बारे में कभी नहीं सोचा था
मैंने बहुत छोटी उम्र में घर छोड़ दिया था और इसलिए लगाव, मोहमाया सब मेरी ट्रैनिग के कारण छूट गया मैं सख्त हूं, अनुशासित हूं लेकिन कभी किसी को नीचा दिखाने का काम नहीं करता, अक्सर कोशिश करता हूं कि किसी काम को कहा तो उसमें खुद इन्वॉल्व हो जाऊं, सीखता हूं और सिखाता भी हूं और टीम बनाता चला जाता हूं। मैंने कभी सोचा नहीं था कि प्रधानमंत्री बनूंगा।
- गुस्सा मनुष्य के स्वभाव का हिस्सा है सीएम रहते मैंने किसी पर गुस्सा नहीं किया।
राजी-नाराजगी यह स्वभाव के हिस्से हैं। हर प्रकार की चीज सब में होती है। आपके स्वभाव में ईश्वर ने दिया है आपको तय करना है। मैं इतने दिन तक मुख्यमंत्री रहा, इतने दिन प्रधानमंत्री रहा, किसी चपरासी से लेकर चीफ सेक्रेटरी तक पर गुस्सा करने का अवसर नहीं मिला। गुस्सा मनुष्य के स्वभाव का हिस्सा है सीएम रहते मैंने किसी पर गुस्सा नहीं किया।कोई मेरे लिए कुछ लाया तो मैं तो खुद हेल्पिंग हैंड के रूप में खड़ा हो जाता हूं। मैं लोगों से सीखता भी हूं और सिखाता भी हूं। मेरे अंदर गुस्सा होता होगा, लेकिन मैं व्यक्त करने से खुद को रोक लेता हूं।
जमा पूंजे के 21 लाख रुपए भी बच्चियों के लिए दान कर दिए थे
मैंने अपने सेक्रेटरी की बच्चियों की मदद के लिए गुजरात सरकार को 21 लाख रुपए दिए। सरकार की तरफ से विधायक को कम पैसे में प्लॉट मिलता है। मैंने वह भी पार्टी को ले लेने के लिए कहा।