नई दिल्ली। शुक्रवार को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के स्थापना दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने आपातकाल के दौरान देश में मानव अधिकारों के हुए हनन का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय जीवन का अधिकार भी छीन लिया गया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि मानव अधिकारों के प्रति समर्पण ने देश को 70 के दशक में बहुत बड़े संकट से उबारा था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आपातकाल के समय बाकि अधिकार तो छोड़िए जीवन का अधिकार भी छीन लिया गया था। लेकिन भारतीयों ने मानवाधिकारों को अपने प्रयत्नों से फिर हासिल किया।
प्रधानमंत्री ने सरकार की आवास योजना का जिक्र करते हुए कहा कि गरीब को खुले आसमान के नीचे मौसम के थपेड़े सहने पड़ते थे और यह भी उनके अधिकार का हनन था। लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बेघर गरीब को आवास देने का अभियान चल रहा है। प्रधानमंत्री ने बताया कि देश के सवा करोड़ से अधिक भाई बहनों को घर का अधिकार मिल चुका है।
प्रधानमंत्री ने महिला अधिकारों का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने महिलाओं की समस्याओं को दूर करने का काम किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं को अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराई गई है।
तीन तलाग के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने कहा कि दबे कुचले लोगों को न्याय मुहैया करने की सरकार का कोशिश का हिस्सा है, आशा है कि संसद जल्द ही कानून पारित करेगी, उन्होंने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने की सरकार की कोशिशों में एनएचआरसी को एक भूमिका निभानी है।