नई दिल्ली। नए कृषि कानून के खिलाफ कुछ जगहों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री तथा वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल के उस प्रदर्शन को समर्थन के बावजूद मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे फोन पर बात की है और उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं। प्रकाश सिंह बादल का जन्म 8 दिसंबर 1927 को हुआ था और आज वे 93 वर्ष के हो गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी जब भी पंजाब के दौरे के दौरान प्रकाश सिंह बादल से मुलाकात करते हैं तो उनके पांव छूकर उनका आशीर्वाद लेते हैं।
प्रकाश सिंह बादल की पार्टी अकाली दल लंबे समय तक भारतीय जनता के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा रही है लेकिन नए किसान कानून के विरोध में अकाली दल ने एनडीए छोड़ दिया है। प्रकाश सिंह बादल के बेटे सुखबीर बादल फिलहाल अकाली दल अध्यक्ष हैं और उनकी पत्नी हरसिमरत कौर बादल मोदी सरकार में मंत्री रह चुकी हैं लेकिन किसान बिल के विरोध में उन्होंने मंत्रीमंडल से त्यागपत्र दे दिया था। खुद प्रकाश सिंह बादल ने किसान बिल के विरोध में पद्म विभूषण सम्मान वापस लौटा दिया है। हालांकि किसान बिल पर साथ नहीं होने के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने प्रकाश सिंह बादल को जन्मदिन पर फोन करके उन्हें बधाई दी है।
पद्म विभूषण सम्मान लौटाए जाने के कुछ ही दिन बाद शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द करने की अपील की और दावा किया कि इन्होंने देश को एक ''गहरे संकट'' में ला दिया है। चार पृष्ठों के अपने पत्र में बादल ने प्रधानमंत्री को उदारता दिखाने का अनुरोध किया और इन कानूनों को वापस लेकर ''आज देश के सामने खड़े संकट को दूर करने की तरफ पहला कदम उठाने का आह्वान किया।'' पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे बादल ने भारत को ‘एक वास्तविक संघीय देश'' बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। बादल ने पत्र में कहा कि इस कड़ाके की ठंड में किसानों तथा उनके परिवारों को और परेशानी झेलने देने के बजाय इन तीन कृषि कानूनों को हर हाल में वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, '' किसानों के इस संकट को लेकर मैं बेहद चिंतित हूं।''