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पीएम मोदी ने व्लादिमीर पुतिन से की फोन पर बातचीत, संवैधानिक संशोधनों पर वोट के सफल समापन के लिए बधाई दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर बात की और उन्हें द्वितीय विश्व युद्ध में जीत की 75 वीं वर्षगांठ समारोह की सफलता और रूस में संवैधानिक संशोधनों पर वोट के सफल समापन के लिए बधाई दी।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 02, 2020 16:11 IST
PM Modi telephoned with Vladimir Putin, congratulated 75th anniversary of victory in World War II,प्- India TV Hindi
Image Source : AP PM Modi spoke on phone with Russian President Vladimir Putin

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर बात की और उन्हें द्वितीय विश्व युद्ध में जीत की 75 वीं वर्षगांठ समारोह की सफलता और रूस में संवैधानिक संशोधनों पर वोट के सफल समापन के लिए बधाई दी। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को 2036 तक पद पर बने रहने का प्रावधान करने वाले संविधान संशोधन को देश के लगभग 78 प्रतिशत मतदाताओं ने स्वीकृति प्रदान की है। 

रूस के चुनाव अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को मतगणना पूरी होने के बाद यह जानकारी दी। रूस के केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने कहा कि सप्ताह भर चली मतदान की प्रकिया का अंत बुधवार को हुआ और बृहस्पतिवार की सुबह तक मतगणना पूरी कर ली गई थी। आयोग ने कहा कि 77.9 प्रतिशत मत संविधान संशोधन के पक्ष में पड़े और 21.3 प्रतिशत मत संशोधन के विरोध में डाले गए। चुनाव के आंकड़ों से दस साल में पुतिन को मिले सबसे ज्यादा जन समर्थन का पता चलता है। 

इससे पहले भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद रूस ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता से इनकार करते हुए कहा था कि अपने विवादों को हल करने के लिये दोनों देशों को किसी सहायता की जरूरत नहीं है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की यह टिप्पणी रूस, भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के डिजिटल सम्मेलन के बाद की थी।

विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी भी इस सम्मेलन में शामिल हुए। यह सम्मेलन गलवान घाटी में 15 जून को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों में बढ़े तनाव के बीच हुआ। इस झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मियों के मारे जाने के बाद क्षेत्र में पहले से अस्थिरता के माहौल के बीच तनाव और बढ़ गया था। 

लावरोव ने कहा था, “मुझे नहीं लगता कि भारत और चीन को किसी तरह की मदद, किसी तरह की सहायता की जरूरत है, खासतौर पर जो सीमा विवाद के समाधान को लेकर लक्षित हो।” स्पूतनिक न्यूज ने लावरोव को उद्धृत करते हुए कहा, “जैसे ही सीमा पर घटना हुई, मौके पर मौजूद सैन्य कमांड और विदेश मंत्रियों के बीच संपर्क बहाल किया गया और बैठक की गईं।” 

लावरोव ने कहा था, “जैसा मैं समझता हूं, यह संपर्क जारी है और किसी भी पक्ष ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है जिससे यह संकेत मिले कि वह सामान्य रूप से स्वीकार्य रुख पर आधारित बातचीत के इच्छुक नहीं हैं। हम स्वाभाविक रूप से उम्मीद करते हैं कि यह इसी तरह जारी रहेगी।” भारत और चीन अपने सीमा विवाद के शांतिपूर्ण समाधान में किसी तीसरे पक्ष की भूमिका को खारिज कर चुके हैं। 

रूस के दोनों देशों से करीबी रिश्ते हैं। रूस ने पिछले हफ्ते झड़प पर चिंता जाहिर की थी लेकिन उम्मीद जताई थी कि उसके करीबी सहयोगी विवाद का समाधान खुद तलाश सकते हैं। द्वितीय विश्व युद्ध में नाजियों की हार की 75वीं वर्षगांठ पर बुधवार को लाल चौक पर होने वाली परेड के लिये रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अभी मास्को में हैं।

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