नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज केदारनाथ मंदिर के भव्य और दिव्य पुनर्निर्माण की रूपरेखा का अनावरण करते हुए राज्य सरकारों के साथ-साथ उद्योग और व्यापार जगत से भी इसमें आगे आकर योगदान का आवाहन किया और कहा कि देश इस काम के लिये धन की कमी को आड़े नहीं आने देगा। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बतौर गुजरात सीएम मैंने केदारनाथ के पुनर्निमाण की मांग की थी जिससे दिल्ली में भूचाल आ गया और मेरे पुनर्निर्माण के प्रस्ताव को नकार दिया गया लेकिन बाबा ने तय किया था कि बेटा ही पुनर्निर्माण करेगा।
उत्तराखंड में रूद्रप्रयाग जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित केदारनाथ धाम पहुंचकर भगवान शिव की पूजा अर्चना करने के बाद जनता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, केदानाथ भव्य, दिव्य और प्रेरणा का स्थान बनेगा। मोदी ने कहा कि इस काम के लिये देश धन की कमी नहीं रखेगा। उन्होंने कहा, मैं जानता हूं कि इसमें खर्च होगा। जैसा पुनर्निर्माण होना है, वैसे पुनर्निर्माण के लिये देश धन की कमी नहीं रखेगा। मैं देश की विभिन्न राज्य सरकारों को भी इसमें सहभागी होने के लिये निमंत्रित करूंगा। कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी सीएसआर के तहत मैं उद्योग और व्यापार जगत के लोगों को भी इसमें हाथ बंटाने के लिये निमंत्रण दूंगा।
इस संबंध में उन्होंने जेएसडब्लू कंपनी का आभार जताया और कहा कि उन्होंने प्रारंभिक काम के लिये जिम्मेदारी उठाना स्वीकार कर लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि जब इतना सारा धन लगेगा, इतना सारा आधारभूत ढांचा तैयार होगा तो इसमें पर्यावरण के नियमों का भी पूरा-पूरा ध्यान रखा जायेगा।
छह महीने से भी कम समय में पीएम मोदी ने दूसरी बार केदारनाथ धाम में भगवान शंकर की पूजा की। इससे पहले मोदी ने केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने के बाद विशेष पूजा की थी। आज भी पीएम ने भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया और करीब आधे घंटे तक विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की। केदारनाथ की यात्रा में पीएम मोदी ने वहां के विकास और आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई योजनाओं की आधारशिला रखी। मंदिर प्रबंधन की ओर से प्रधानमंत्री को केदारनाथ मंदिर का एक मॉडल तोहफे में दिया गया।