नई दिल्ली। पीएम मोदी का जन्म दिन उनके लिए सौगातों की बारिश करने वाला है। एक ओर दुनिया के सबसे प्रभावशाली लोकतंत्र के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ह्यूस्टन में मंच साझा करने के निमंत्रण को स्वीकार करने का ऐलान किया है तो दूसरी तरफ दुनियाभर में उनके चाहने वाले लगातार बढ़ रहे हैं। मंगलवार को अपने जन्मदिन के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर डैम पर पहुंचे और मां नर्मदा की पूजा की। मंगलवार को गुजरात में प्रधाममंत्री मोदी का काफी व्यस्त कार्यक्रम है।
प्रधानमंत्री मोदी का जीवन एक खुली किताब की तरह है और उनके बारे में देश और दुनिया की अधिकतर जनता अधिकतर बातें जानती हैं, लेकिन कुछेक बाते ऐसी हैं जिनके बारे में अभी भी बहुत कम लोगों को पता है। आज हम प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर उनके जीवन से जुड़ी एक ऐसी जानकारी साझा करने वाले हैं जिसके बारे में शायद बहुत कम लोगों को पता होगा।
सरकार के आला सूत्रों से इंडिया टीवी को एक दिलचस्प जानकारी मिली है। वित्तीय नियमों के तहत पिछले दिनों जब पीएम मोदी के कुछ वित्तीय कागजातों को भरने के सिलसिले में उनके "नॉमिनी " के बारे में पूछा गया तो पीएम का दो टूक जवाब था -- "मेरा कोई भी नॉमिनी नहीं..जो कुछ भी मेरे पास है, वो सिर्फ और सिर्फ देश के लिए है।’’ उत्तर हो या दक्षिण, पूरब हो या पश्चिम ..देश के हरेक हिस्से में ऐसे नेताओं की भरमार है जिन्होंने अकूत संपत्ति बनाई है और कई लोग जेल-बेल के चक्कर में भी फंसे हुए हैं। वहीं देश के प्रधानमंत्री को अपनी संपत्ति के नॉमिनी से इंकार है।
इंडिया टीवी को सूत्रों से प्रधानमंत्री मोदी के बारे मे एक और जानकारी का पता चला है, प्रधानमंत्री मोदी ने देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को चिट्ठी लिखकर उस टैक्स छूट से भी इंकार किया जो सिओल शांति पुरस्कार के लिए उत्साह में कुछ अधिकारियों ने उन्हें देने का प्रयत्न किया था।
पीएम मोदी के काम करने के तरीके की यही खासियत है। वह एकसाथ कई मोर्चों पर सक्रिय और प्रयत्नशील रहते हैं फिर चाहे देश को चांद पर पहुंचाने का सपना हो या देश में टॉयलेट क्रांति के जरिए स्वच्छता को बढ़ावा देना हो। आमतौर पर जन्म दिन पर लोग उपहार प्राप्त करते हैं लेकिन पीएम प्राप्त उपहारों की नीलामी करा रहे जिससे नमामि गंगे मिशन के लिए धनराशि इकट्ठा हो सके।पार्टी को भी पीएम का सख्त निर्देश है कि जन्म दिन पर केक-माला की प्रदर्शनी नहीं बल्कि जनता के लिए "सेवा सप्ताह" हो।
असल में प्रधानमंत्री मोदी की कई खासियतों में प्रमुख है - नया वर्क कल्चर देना। यह वर्क कल्चर अनुशासन, परिश्रम, ईमानदारी और अंत्योदय पर टिका है। भारत सरकार के कानून, टेलीकॉम और आइटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने पीएम के साथ कार्य अनुभव को इंडिया टीवी से साझा करते हुए कहा --" पीएम सदैव इस बात पर जोर देते हैं कि सबसे सीखने की प्रवृत्ति रखें और किसी भी विषय पर खूब स्टडी करें।"
असल में संसदीय राजनीति में देश का लीडर पीएम होता है..सामाजिक सरोकार के मुद्दों को जन जन तक पहुंचाना पीएम का दायित्व है। इसीलिए पीएम मोदी कभी सिंगल यूज प्लास्टिक से परहेज का आह्वान करते हैं तो कभी फिटनेस और स्वच्छता पर जोर देते हैं और साथ हीं इस बात की चिंता करते हैं कि बच्चों को परीक्षा के समय तनाव ना हो। नकारात्मक प्रवृत्ति इसके पीछे फोटो सेशन देखती है जैसा कि मोदी - ट्रंप की साझा ह्यूस्टन रैली के बारे में भी कहा गया जबकि सकारात्मक प्रवृत्ति उसके पीछे का मकसद और संदेश ग्रहण करती है। पीएम इन सबसे बेपरवाह नर्मदा से लेकर ह्यूस्टन - न्यूयॉर्क के अपने अभियान और प्लान में मशगूल हैं ..यही उनका गिफ्ट भी है और रिटर्न गिफ्ट भी ।