Highlights
- मोदी का मास्टरस्ट्रोक...विपक्ष बोल्ड
- मोदी ने सुनी किसानों के 'मन की बात'
- पीएम बोले- सरकार का मकसद किसानों की भलाई था।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले करीब एस साल से ज्यादा समय से विवादों में घिरे तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा की और इसके लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को गुरु नानक जयंती के अवसर पर राष्ट्र के नाम संबोधन में इस आशय की घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘‘ पांच दशक के अपने सार्वजनिक जीवन में मैंने किसानों की मुश्किलों, चुनौतियों को बहुत करीब से अनुभव किया है।’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए छोटे किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए कदमों को रेखांकित किया।
पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें-
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हम तीनों कृषि कानून को वापस लेते हैं।
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आंदोलनकारी किसान अपने घरों को लौटें।
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हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी।
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जो कर रहा हूं देश के लिए कर रहा हूं, हम कुछ किसानों को समझा नहीं पाए।
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हमारी सरकार और ज्यादा मेहनत करेगी।
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देशवासियों से मैं क्षमा मांगता हूं, देश के विकास में मेहनत में कोई कमी नहीं की।
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सरकार नेक नीयत से कृषि कानून लाई थी।
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किसानों को फायदा हो इसलिए MSP बढ़ाई।
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1 लाख 62 हजार करोड़ किसानों के खाते में दिए।
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किसानों की आर्थिक-सामाजिक स्थिति मजबूत की।
जानिए कृषि कानूनों पर कब क्या हुआ?
14 सितंबर 2020- संसद में पेश
17 सितंबर 2020- संसद से पारित
14 अक्टूबर 2020- किसान संगठनों-केंद्र के बीच बातचीत
3 नवंबर 2020- देश भर में किसानों की नाकेबंदी
13 नवंबर 2020- किसान संगठनों-केंद्र के बीच बातचीत
25 नवंबर 2020- किसानों का दिल्ली कूच का ऐलान
3 दिसंबर 2020- केंद्र का फिर बातचीत का प्रस्ताव
8 दिसंबर 2020- किसानों का भारत बंद
7 जनवरी 2021- सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल
जनवरी 2021- SC ने एक्सपर्ट कमेटी बनाई
26 जनवरी 2021- किसानों का लाल किला मार्च
6 फरवरी 2021- किसानों का चक्का जाम
20 मार्च 2021- एक्सपर्ट कमेटी ने SC में रिपोर्ट सौंपी
जुलाई 2021- किसान संसद की शुरुआत
19 नवंबर 2021- तीनों कृषि कानून रद्द