नई दिल्ली/कोलकाता: वर्चुअल कार्यक्रम के जरिए बंगाल में दुर्गा पूजा पंडाल का उद्घाटन करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगाल की महान हस्तियों को याद किया। पीएम मोदी ने कहा, "बंगाल की माटी को अपने माथे से लगाकर जिन्होंने पूरी मानवता को दिशा दिखाई उन रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, चैतन्य महाप्रभू, श्री अरविंदो, बाबा लोकनाथ, श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र, मां आनंदमई, ऐसे अनगिनत महानुभावों, महर्षियों और तपस्वियों को मैं आदरपूर्वक नमन करता हूं। जिन्होंने बंगाल ही नहीं बल्कि पूरे देश के संस्कारों को गढ़ा, उन गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर, बंकिंम चंद्र चटोपाध्याय और शरत चंद्र चटोपाध्याय को मैं नमन करता हूं।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "जिन्होंने भारतीय समाज को नई राह दिखाई उन ईश्वरचंद्र विद्यासगर, राजाराममोहन राय, गुरुचंद्र ठाकुर, हरिचंद ठाकुर और पंचानंद वर्मा का नाम लेते हुए ही एक नई चेतना जगती है। आज एक अवसर है उन सबके सामने मस्तक झुकाने का।" उन्होंने कहा, "ऐसे नेता जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को जीवंत किया, ऐसे नेता जी सुभाष चंद्र बोस, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, शहीद खुदीराम बोस, शहीद प्रफुल, मास्टरदास सूर्यसेन को हम सब आज नमन करते हैं। जिन्होंने मां भारती की सेवा में अपना जीवन लगा दिया, ऐसी मां शारदा, मातंगिनी हाजरा, रानी राशमणि, प्रीतिलता वादेदार, शरदा देवी चौधराणी कामनी राय को आज प्रणाम करने का एक पल है।"
पीएम मोदी ने कहा, "जिन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में भारत का परचम पूरी दुनिया में लहराया ऐसे जगदीश चंद्र बोस, सत्येंद्र नाथ बोस, आचार्य प्रफुल चंद्र राय, आज जब विज्ञान का युग उनको हर पल याद करता है, मैं भी आज उन महानुभावों को नमन करता हूं।" वहीं, इसके आगे उन्होंने कहा,"बहुत से लोगों को पता नहीं होगा कि दुर्गा स्वरूप मां भारती की जो तस्वीर करोड़ों भारतीयों के दिलों मे बसी है, वह तस्वीर सबसे पहले बंगाल में अवनिंद्र नाथ टैगोर जी ने बनाई थी। बंगाल के लोगों ने एक ऐसी आत्मशक्ति है, जिसके कारण वे हर क्षेत्र में आगे बढ़कर उपलब्धियां पाते हैं। बंगाल के लोगों ने देश को प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ाया है और आज भी बढ़ा रहे हैं और मेरा विश्वास है कि बंगाल के लोग देश का गौरव इसी तरह बढ़ाते रहेंगे।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "इस कार्यक्रम में उपस्थित आप सब भी बंगाल के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। आज के पावन दिन मैं सभी का स्मरण करता हूं और अपार शक्तियों से भरी हुई बंगाल की जनता को मैं नमन करता हूं। इस बार हम सभी कोरोना के संकट के बीच दुर्गा पूजा मना रहे हैं। मां दुर्गा के भक्त पंडालों के आयोजकों ने इस बार अद्भुत संयम दिखाया है, संख्या पर भले ही असर पड़ा हो लेकिन भव्यता और दिव्यता वही है। आयोजन भले ही सीमत है लेकिन उत्सव का रंग असीमित है और यही बंगाल की पहचान और चेतना है, यही असली बंगाल है।"
उन्होंने कहा, "आपसे आग्रह है कि मां दुर्गा की पूजा के साथ 2 गज की दूरी और मास्क पहनने के साथ अन्य नियमों का पालन भी करें। बंगाल में 'उमा ऐलो घरे' की सनातन परंपरा रही है, दुर्गा पूजा के प्रारंभ में बोधन समारोह में मां का पारंपारिक आहवान भी इसी परंपरा का विधान है। यहां दुर्गा को अपनी बेटी भी मानते हैं और घर में स्वागत करते हैं। हमें सभी बेटियों को दुर्गा की तरह सम्मान देने की सीख दी जाती है और नवरात्र में पूजा की जाती है।"