नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि उत्पादों की बिक्री से संबंधित बाधाओं को दूर करने की जरूरत को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जिक्र किया। देश में किसान आंदोलन को लेकर प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा, ''कृषि सुधारों पर अचानक कांग्रेस ने यू टर्न ले लिया, आंदोलन के जरिए सरकार को घेरिए लेकिन बदलाव जरूरी है। कांग्रेस वाले मेरी बात माने ना माने लेकिन मनमोहन सिंह की तो माने। मनमोहन सिंह ने किसानों को कहीं भी फसल बेचने की आजादी देने की बात कही थी। जो मनमोहन सिंह चाहते थे वो मैंने कर दिया। सियासत हावी हो तो अपने विचार छूट जाते हैं।''
पीएम नरेंद्र मोदी ने सदन में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का कथन पढ़ा, ''हमारी सोच है कि बड़ी मार्केट को लाने में जो अड़चने हैं, हमारी कोशिश है कि किसान को उपज बेचने की इजाजत हो।'' पीएम मोदी ने कहा कि जो मनमोहन सिंह ने कहा वो मोदी को करना पड़ रहा है, आप गर्व कीजिए। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि शरद पवार समेत कई कांग्रेस के नेताओं ने भी कृषि सुधारों की बात की है। शरद पवार ने अभी भी सुधारों का विरोध नहीं किया, हमें जो अच्छा लगा वो किया आगे भी सुधार करते रहेंगे।
उन्होंने कहा, ''सदन में किसान आंदोलन की भरपूर चर्चा हुई है। ज्यादा से ज्यादा समय जो बात बताई गईं वो आंदोलन के संबंध में बताई गई। किस बात को लेकर आंदोलन है उस पर सब मौन रहे। जो मूलभूत बात है, अच्छा होता कि उस पर भी चर्चा होती।'' आंदोलनकारियों से अपील करते हुए पीएम ने कहा, ''मैं आप सभी को निमंत्रण देता हूं कि हम देश को आगे बढ़ाने के लिए, कृषि क्षेत्र के विकास के लिए, आंदोलनकारियों को समझाते हुए, हमें देश को आगे ले जाना होगा। हर कानून में अच्छे सुझावों के बाद कुछ समय के बाद बदलाव होते हैं। इसलिए अच्छा करने के लिए अच्छे सुझावों के साथ, अच्छे सुधारों की तैयारी के साथ हमें आगे बढ़ना होगा।
आगे उन्होंने कहा, पहली बार हमने किसान रेल की कल्पना की। छोटा किसान जिसका सामान बिकता नहीं था, आज गांव का छोटा किसान किसान रेल के माध्यम से मुंबई के बाजार में अपना सामान बेचने लगा, इससे छोटे किसान को फायदा हो रहा है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना से सीधे किसान के खाते में मदद पहुंच रही है। 10 करोड़ ऐसे किसान परिवार हैं जिनको इसका लाभ मिल गया। अब तक 1 लाख 15 हजार करोड़ रुपये उनके खाते में भेजे गये हैं। इसमें अधिकतर छोटे किसान हैं। लेकिन जब कर्जमाफी करते हैं तो छोटा किसान उससे वंचित रहता है, उसके नसीब में कुछ नहीं आता है। पहले की फसल बीमा योजना भी छोटे किसानों को नसीब ही नहीं होती थी। यूरिया के लिए भी छोटे किसानों को रात-रात भर लाइन में खड़े रहना पड़ता था, उस पर डंडे चलते थे।