नई दिल्ली: स्वच्छता के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज छात्रों एवं युवाओं को ‘स्वच्छ भारत ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप’ में हिस्सा लेने का सुझाव देते हुए कहा कि भारत सरकार के तीन मंत्रालयों ने युवाओं के लिए यह इंटर्नशिप शुरू की है जिसमें अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार के तीन मंत्रालय- खेल मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय और पेयजल मंत्रालय आदि ने मिलकर एक ‘ स्वच्छ भारत ग्रीष्मकालीन इंटनशिप 2018’’ शुरू की है।
उन्होंने कहा, ‘‘कॉलेज के छात्र-छात्राएं, एनसीसी और एनएसएस के नौज़वान, नेहरु युवा केंद्र के युवा... जो समाज के लिए, देश के लिए कुछ करना और कुछ सीखना चाहते हैं, समाज के बदलाव से अपने आप को जोड़ना चाहते हैं, उसके निमित्त बनना चाहते हैं; जिनमें एक सकारात्मक ऊर्जा को लेकर समाज में कुछ-न-कुछ कर गुज़रने का इरादा है, उन सब के लिए अवसर है और इससे स्वच्छता को भी बल मिलेगा।’’
मोदी ने कहा, ‘जब हम 2 अक्टूबर से महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनायेंगे, उसके पहले हमें कुछ करने का संतोष मिलेगा। इसके तहत जो उत्तम-से-उत्तम इंटर्न होंगे, जिन्होंने कॉलेज में उत्तम काम किया होगा, विश्वविद्यालय में किया होगा - ऐसे सभी लोगों को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार दिए जाएंगे।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि इस इंटर्नशिप को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले प्रत्येक इंटर्न को ‘स्वच्छ भारत मिशन’ की ओर से एक प्रमाणपत्र दिया जायेगा। इतना ही नहीं, जो इंटर्न इसे अच्छे से पूरा करेंगे, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग उन्हें दो क्रेडिट प्वायंट भी देगा।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं छात्रों को, छात्राओं को, नौज़वानों को फिर एक बार निमंत्रण देता हूं कि इंटर्नशिप का लाभ उठाएं। आप ‘माइ गॉव’ पर जाकर ‘स्वच्छ भारत ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप के लिए पंजीकरण करा सकते हैं। मैं आशा करता हूँ कि हमारे युवा स्वच्छता के इस आन्दोलन को और आगे बढ़ाएंगे।’’ प्रधानमंत्री ने परीक्षा के बाद छुट्टियों की योजना बना रहे छात्रों को इस नए काम के लिए आमंत्रित किया। मोदी ने कहा कि आप अपनी जानकारियाँ, कहानी, फोटो, वीडियो ज़रुर भेजिए। एक नए अनुभव के लिए इन छुट्टियों को सीखने का अवसर बनायें।
प्रधानमंत्री ने दूरदर्शन पर प्रसारित होने ‘गुड न्यूज इंडिया’ कार्यक्रम देखने का सुझाव भी दिया ताकि पता चल सके कि देश के किस-किस कोने में कितने-कितने लोग किस-किस प्रकार से अच्छा काम कर रहे हैं और अच्छी बातें हो रही हैं।