नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कोविड-19 के खिलाफ जारी जंग में सशस्त्र बलों की भूमिका की प्रशंसा की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा “फाइटिंग दि इनविजिबल एनेमी: एमओडी रिस्पॉन्स ऑन कोविड-19 सर्ज” शीर्षक से लिखे एक लेख का जिक्र करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि "‘जल’, ‘थल’ और ‘नभ’ हमारे सशस्त्र बलों ने कोविड-19 के खिलाफ जंग को मज़बूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।"
सेना ने देशभर में नागरिक प्रशासन की मदद के समन्वय के लिए कोविड मैनेजमेंट सेल का गठन किया है। इसका प्रमुख महानिदेशक स्तर के एक अधिकारी को बनाया गया है। वे सीधे उप सेना प्रमुख को रिपोर्ट करेंगे। कोविड मैनेजमेंट सेल महामारी से निपटने के लिए नागरिक प्रशासन को सेना के स्टाफ व लॉजिस्टिक्स की मदद सुनिश्चित करेगी।
बता दें कि, सेना के तीनों अंग कोरोना महामारी से निपटने के लिए अपने-अपने स्तर पर जुटे हैं। तीनों सेनाओं ने मेडिकल इमरजेंसी में कोविड से लड़ने के लिए कमान संभाल ली है। अपने अस्पतालों से लेकर डॉक्टर्स-पैरामेडिकल स्टॉफ को कोविड मरीजों की देखभाल के लिए लगाया ही गया है। तीनों सेनाएं ऑक्सीजन से लेकर दवाइयों व अन्य इक्वीपमेंट्स को देश के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचा रही हैं और विदेशों से भी लाने में मदद कर रही हैं। बीतों दिनों इसे लेकर पीएम मोदी के साथ सीडीएस जनरल बिपिन रावत व अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने विस्तृत चर्चा की थी।
भारतीय सेना (India Army) ने गुरुवार को ट्वीट कर बताया कि कोविड मैनेजमेंट सेल देश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को लेकर अधिक बेहतर ढंग से रीयल टाइम मदद सुनिश्चित कर सकेगी। यह सुविधा दिल्ली समेत पूरे देश के लिए होगी। सेना मरीजों की टेस्टिंग, उन्हें सैन्य अस्पतालों में भर्ती कराने, मेडिकल उपकरणों के परिवहन आदि में मदद करेगी।
मेडिकल ऑक्सीजन लेकर आ रहे सेना के पोत
नौसेना भी देश में ऑक्सीजन आपूर्ति, चिकित्सा उपकरणों आदि के परिवहन में जुटी हुई है। विभिन्न देशों से इनका परिहवन किया जा रहा है। आईएनएस कोच्चि व अन्य पोत समुद्र सेतु-2 मिशन के तहत फारस की खाड़ी से चिकित्सा सामान लेकर मुंबई पहुंच रहे हैं। आईएनएस कोच्चि कुवैत से और आईएनएन त्रिकांड दोहा से छह मई को 20 टन तरल ऑक्सीजन लेकर रवान हो चुके हैं।
वायुसेना का विमान बैंकॉक से क्रायो कंटेनर लेकर आया
भारतीय वायुसेना का भारी कार्य करने में सक्षम परिवहन विमान सी-17 ग्लोबमास्टर बृहस्पतिवार को बैंकॉक से कई क्रायो केंटनर लेकर स्वदेश पहुंचा। अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान देश भर के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से निपटने के समन्वित अभियान के तहत ये कंटेनर लाए गए। क्रायोजेनिक कंटेनर का इस्तेमाल तरल ऑक्सीजन के परिवहन में किया जाता है। राज्यों को ऑक्सीजन परिवहन में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए देश में ज्यादा से ज्यादा क्रायो केंटनर लाए जाने का प्रयास किया जा रहा है। वायु सेना ने ट्वीट कर बताया, ‘‘भारतीय वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर क्रायो कंटेनर लेने के लिए आज बैंकॉक पहुंचा। कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान गृह मंत्रालय के समन्वय में ऑक्सीजन परिवहन को सुधारने के लिए वायुसेना के विमानों ने कई उड़ानें भरी हैं।’’