नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश के बंगबंधु शेख मुजीबुर-रहमान की 100 वीं जयंती समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया। इस समारोह के दौरान उन्होनें कहा कि शेख हसीना जी ने मुझे इस ऐतिहासिक समारोह का हिस्सा बनने के लिए व्यक्तिगत तौर पर निमंत्रण दिया था। लेकिन कोरोना वायरस की वजह से ये संभव नहीं हो पाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि बंगबंधु शेख मुजीबुर-रहमान पिछली सदी के महान व्यक्तित्वों में से एक थे।उनका जीवन हमारे लिए प्रेरणा है। आज मुझे बहुत खुशी होती है, जब देखता हूं कि बांग्लादेश के लोग, किस तरह दिन-रात अपने प्यारे देश को शेख मुजीबुर-रहमान के सपनों का ‘शोनार-बांग्ला’ बनाने में जुटे हुए हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि एक दमनकारी, अत्याचारी शासन ने, लोकतांत्रिक मूल्यों को नकारने वाली व्यवस्था ने, किस तरह बांग्ला भूमि के साथ अन्याय किया, उसके लोगों को तबाह किया, ये हम सभी भली-भांति जानते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उस दौर में जो तबाही मचाई गई थी, जो नरसंहार हुआ, उससे बांग्लादेश को बाहर निकालने के लिए, एक पॉजिटिव और प्रगतिशील समाज के निर्माण के लिए उन्होंने अपना पल-पल समर्पित कर दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले वर्ष बांग्लादेश की ‘मुक्ति’ के 50 वर्ष होंगे और उससे अगले वर्ष यानि 2022 में भारत की आज़ादी के 75 वर्ष होने वाले हैं।मुझे विश्वास है कि ये दोनों पड़ाव, भारत-बांग्लादेश के विकास को नई ऊँचाई पर पहुंचाने के साथ ही, दोनों देशों की मित्रता को भी नई बुलंदी देंगे।