चंडीगढ़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी प्रचार में बहुत मेहनत कर रहे हैं। आज उन्होंने दिन की आखिरी जनसभा को चंडीगढ़ में संबोधित किया। सभा को संबोधित करने के बाद उन्होंने जहां इंडिया टीवी के साथ खास बातचीत भी की। इंडिया टीवी को दिए इस इंटरव्यू में पीएम मोदी ने प. बंगाल में अमित शाह के रोड शो के दौरान हुई झड़पों पर भी प्रतिक्रिया दी। इसके अलावा पीएम मोदी ने इंडिया टीवी के कई सवालों का जवाब दिया।
पीएम मोदी ने विपक्ष द्वारा खुद को गाली दिए जाने वाले सवाल के जवाब में कहा कि 'शुरू के तीन चरणों में उनकी गालियों के निशाने पर अकेला मोदी था, लेकिन तीन चरणों के बाद उनकी गालियों का फोकस थोड़ा बंट गया। 50 फीसदी गाली मोदी को और 50 फीसदी गाली EVM को दी जाने लगी। पांचवें चरण के बाद उनको और मुसीबत हो गई तो उन्होंने अपनी प्लानिंग बदल दी, इसके बाद उन्होंने एक तिहाई गालियां मोदी को, एक तिहाई गालियां EVM को और एक तिहाई गालियां चुनाव आयोग को दीं।'
पीएम मोदी ने कहा कि 'वह एक तरह से हार के लिए बहाने ढूंढने का ग्राउंड तैयार कर रहे हैं। निराशा है, न ही वह महागठबंधन कर पाए, न ही वह एजेंडा सेट कर पाए, न विकास के मुद्दों पर चर्चा करने की ताकत है और इसीलिए झूठ बोलना और गाली देना उनका कारोबार है। और, लोकतंत्र में ताली भी मिले, गाली भी मिले, दोनों का अपना महत्व है। लोकतंत्र में मेरी श्रृद्धा होने के कारण मैं ताली और गाली दोनों के उसी रूप में देखता हूं। लेकिन, उनकी निराशा जिन शब्दों में बाहर आ रही है ये शोभा देता है क्या? ये देश के लिए सोचने का विषय है।'
पीएम मोदी ने प. बंगाल की स्थिति, अमित शाह के रोड शो में झड़प और ममता बनर्जी के पीएम मोदी को थप्पड़ मारने को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि 'आज से नहीं पिछले एक साल से प. बंगाल में लोकतंत्र का गला घोट दिया गया है। जम्मू-कश्मीर में पंचायत के चुनाव हुए और एक भी हिंसा की घटना नहीं हुई। प. बंगाल में पंचायत के चुनाव हुए तो हत्याओं का दौर चल पड़ा, गांव के गांव जला दिए गए और जो विजय हुए वह तीन-तीन महीनों तक अपने घर वापस नहीं लौट पाए। इतना जुल्म किया गया।
पीएम मोदी ने कहा कि 'लोकसभा के चुनाव घोषित होने से पहले भारतीय जनता पार्टी के भिन्न-भिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री प. बंगाल की जनता के सामने बातचीत करने जाते थे, सभाएं करते थे। हमारे देश के चुने हुए मुख्यमंत्रियों के हैलीकॉप्टर लैंड नहीं होने दिए गए। ये बात प. बंगाल की BJP इकाई ने बार-बार उठाई, लेकिन मीडिया का क्या प्रोब्लम है, मैं नहीं समझ पाया हूं। इन सारी चीजों को मीडिया ने दबा दिया। पंचायत चुनाव की हिंसा को दबा दिया, लोकतंत्र की सारी प्रक्रियाओं को दवा दिया और अब जब लोकसभा का चुनाव आया तो फिर से वही सिलसिला हुआ।'
उन्होंने कहा कि 'टीएमसी के लोगों ने और ममता के साथियों ने निराशा में गुस्से में मीडिया के लोगों को मारना शुरू किया। उसके बाद ही बात बाहर आने लगी है। और, सवाल BJP और टीएमसी का नहीं है, सावल भारत सरकार और प. बंगाल की सरकार का भी नहीं है। ये पूरा मसला बंगाल की जनता और बंगाल की सरकार के बीच का है। बंगाल की जनता बंगाल सरकार के रवैये और जुल्म से नाराज है। और, लोकतांत्रिक तरीके से वो अपना फैसला सुनाना चाहती है, उसे रोकने का TMC का ये प्रयास है।'
पीएम मोदी ने कहा कि 'देश में एक व्यापक चर्चा होनी बहुत जरूरी है कि क्या संघीय ढांचे का इस प्रकार से मजाक उड़ाया जाएगा, क्या इस प्रकार से भारत के संविधान के टुकड़े कर दिए जाएंगे। ये अपने आप में बहुत बड़ी चिंता का विषय है। मुद्दा केंद्र सरकार और राज्य सरकार का नहीं है, कृपया इसे उस दिशा में ले जाकर के ममता बनर्जी को बचाने का प्रयास मत कीजिए।'
नेताओं के मंदिर जाने, गोत्र बताने और जनेऊ दिखाने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि 'कोई श्रद्धापूर्वक अपने इष्ट देवताओं की पूजा करे उसमें कोई हर्ज नहीं है और न ही मैं इसकी आलोचना करता हूं। लेकिन, अगर कारोबार सीजनल होता है कि चुनाव आए तो उसके कुछ समय पहले ये सब करना और मंदिर जाना, ऐसी चीजों से देश की जनता अब मूर्ख नहीं बनती है।' पीएम ने कहा कि 'पहले जिन्होंने ये खेल खेला वह खेल लिया। मैं समझता हूं कि ड्रामेबाजी से देश नहीं चलता है।'