नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने नेपाली समकक्ष शेर बहादुर देउबा से फोन पर बात की और इस बात पर जोर दिया कि दोनों नेता कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई सहित अन्य मुद्दों पर सहयोग को बढ़ाने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे। 75 वर्षीय देउबा नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। उन्होंने बहाल की गई प्रतिनिधि सभा में आसानी से विश्वास मत जीत लिया था और इसी के साथ कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच हिमालयी देश में आम चुनाव टल गए। नेपाली कांग्रेस के देउबा ने 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 165 मत हासिल किए थे।
शेर बहादुर देउबा को सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद 12 जुलाई को संविधान के अनुच्छेद 76(5) के तहत प्रधानमंत्री बनाया गया था। देउबा को संसद का विश्वास हासिल करने के लिए कुल 136 मतों की आवश्यकता थी। मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से फोन पर बात की और उन्हें बधाई व शुभकामनाएं दीं। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई सहित भारत और नेपाल के बीच विभिन्न विषयों पर सहयोग को और आगे बढ़ाने के लिए हम साथ मिलकर काम करेंगे।’’
वहीं, शेर बहादुर देउबा ने उन्हें बधाई देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद किया और कहा कि उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष के साथ फोन पर हुई मैत्रीपूर्ण वार्ता में दोनों पड़ोसी देशों के संबंध और मजबूत करने पर अपने विचार साझा किए। देउबा ने ट्वीट किया, ‘‘मेरी आज दोपहर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फोन पर मैत्रीपूर्ण बातचीत हुई। हमने द्विपक्षीय संबंध और मजबूत करने पर विचार साझा किए। प्रधानमंत्री मोदी ने नेपाल को कोविड-19 टीकों की जल्द आपूर्ति का भरोसा दिलाया। मुझे बधाई देने के लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं।’’
इससे पहले मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा को बधाई और सफल कार्यकाल के लिये शुभकामनाएं। मैं सभी क्षेत्रों में हमारी अनूठी साझेदारी और लोगों के बीच आपसी संपर्क बढ़ाने के लिए आपके साथ काम करने को उत्सुक हूं।’’ देउबा ने इस बधाई संदेश के लिए अपने भारतीय समकक्ष का धन्यवाद किया और दोनों पड़ोसी देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने के लिए उनके साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई।
उन्होंने रविवार देर रात ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बधाई संदेश देने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया।’’ इससे पहले देउबा ने जून 2017 में प्रधानमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा में अगस्त 2017 में भारत का दौरा किया था और प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की थी। इससे पहले देउबा 1996, 2004 और 2005 में प्रधानमंत्री के रूप में तीन बार भारत आए थे।
बता दें कि नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के कार्यकाल में दोनों देशों के बीच रिश्ते में तब तनाव पैदा हो गया था, जब भारत ने आठ मई, 2020 में उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे और धारचूला को जोड़ने वाले 80 किलोमीटर लंबे मार्ग का उद्घाटन किया था और कुछ ही दिनों बाद नेपाल ने एक नया मानचित्र जारी कर लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपनी सीमा के अंदर दिखाया। भारत ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी और उसे एक तरफा कृत्य करार दिया था।
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