नई दिल्ली: आज देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 148वीं जयंती मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह राजघाट में बापू को श्रद्धा सुमन अर्पित किए हैं। गांधी जयंती पर आज देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कुछ जगहों पर स्वच्छता अभियान भी चलाया जाएगा। बापू के साथ साथ आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की भी जयंती है। प्रधानमंत्री मोदी ने बापू के बाद पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी श्रद्धांजलि दी है। राष्ट्रपिता गांधी को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया- "बापू के विचार विश्व के लोगों के लिए प्रेरणा हैं।" राजघाट पर प्रधानमंत्री मोदी के बाद उप-राष्ट्रपति और राष्ट्रपति ने भी बापू को श्रद्धांजलि दी। ये भी पढ़ें: गुरु को दिए तीन वचनों को तोड़ा और बर्बाद हुआ राम रहीम, जानें संत की तीन सौगंध का रहस्य
‘स्वच्छ भारत गांधीजी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी’
वहीं सफाई को राष्ट्रीय आंदोलन बनाने का आग्रह करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि स्वच्छ भारत के लक्ष्य को हासिल करना महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। राष्ट्रपति कोविंद वर्तमान में महाराष्ट्र के आधिकारिक दौरे पर हैं। कोविंद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर गुजरात का दौरा करेंगे और राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देंगे। गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने कहा कि गांधी जयंती महात्मा गांधी के आदर्शो व मूल्यों के प्रति समर्पण का एक अवसर है। महात्मा गांधी का मानना था कि 'स्वच्छता ईश्वर की पूजा की तरह है।'
उन्होंने कहा, "सफाई सिर्फ सरकारी विभागों व सफाई कर्मियों की जिम्मेदारी नहीं है। भारत आज स्वच्छता ही सेवा अभियान के जरिए स्वच्छता की एक निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है।" उन्होंने कहा, "आइए हम सार्वजनिक स्वच्छता, निजी स्वच्छता व पर्यावरण स्वच्छता की अपनी प्रतिबद्धता सुनिश्चित करें। यह बहु हितधारक राष्ट्रीय आंदोलन है। स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को शीघ्रता से हासिल करना गांधी जी की जयंती पर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।"
कोविंद ने कहा कि महात्मा गांधी सरल जीवन में विश्वास रखते थे। गांधी जी को नैतिक शिक्षक बताते हुए कोविंद ने कहा कि उन्होंने अपने नेतृत्व से देश को एक नई दिशा दी। उन्होंने कहा, "अहिंसा व शांति के सह अस्तित्व के उनके दर्शन की प्रासंगिकता मौजूदा समय में बढ़ी है। चक्र, चरखा व खादी चिन्ह के जरिए उन्होंने आत्म निर्भरता व श्रम की गरिमा पर जोर दिया।" राष्ट्रपति कोविंद महात्मा गांधी के जन्म स्थान पोरबंदर के कीर्ति मंदिर में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद गुजरात के अपने कार्यक्रमों की शुरुआत करेंगे।