नई दिल्ली: नए कश्मीर पर देश की राजधानी दिल्ली में आज बहुत बड़ी बैठक होने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर हो रही ये मीटिंग दोपहर तीन बजे होगी। जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने के बाद आज पहली बार केन्द्र और जम्मू कश्मीर की पॉलिटिकल पार्टियों के नेताओं के बीच बातचीत होने जा रही है। बैठक से पहले दिल्ली में भी हलचल तेज है, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जम्मू कश्मीर के बीजेपी नेताओं की बैठक बुलाई है। सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ही नहीं बल्कि कांग्रेस ने भी जम्मू-कश्मीर के नेताओं की बैठक बुलाई है, पीएम मोदी के साथ बातचीत के लिए आमंत्रित कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के घर पर कांग्रेस पार्टी के नेताओं की बैठक होगी।
जम्मू-कश्मीर को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के साथ स्थानीय नेताओं के साथ होने वाली बैठक 3 बजे शुरू होगी और इस बैठक के लिए भारत सरकार की तरफ से जम्मू-कश्मीर के 8 राजनीतिक दलों के 14 नेताओं को आमंत्रित किया गया है। जम्मू कश्मीर के चार पूर्व मुख्यमंत्री यानि फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और गुलाम नबी आजाद इस बैठक में शामिल होने जा रहे हैं। इनके अलावा भारतीय जनता पार्टी की तरफ से रवींद्र रैना, निर्मल सिंह और कवींद्र गुप्ता को बुलाया गया है। अन्य नेताओं में युसूफ तारिमागी, सज्जाद लोन, गुलाम अहमद मीर, भीम सिंह तथा अल्ताफ बुखारी को भी न्यौता है और वे भी बैठक में शामिल होने वाले हैं।
इस बैठक में सरकार की तरफ से खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल रहेंगे, प्रधानमंत्री मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, प्रधान सचिव पीके मिश्रा तथा गृह सचिव अजय भल्ला भी केंद्र सरकार की तरफ बैठक में शामिल होंगे।
बैठक में मुख्य तौर पर किन मुद्दों पर बात होगी, इसको लेकर अभी तक आधिकारिक तौर पर केंद्र सरकार की तरफ से जानकारी नहीं आई है लेकिन माना जा रहा है कि बैठक में जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करना, विधानसभा चुनाव कराना, परीसीमन तथा विकास योजनाओं पर चर्चा हो सकती है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर से आने वाले कुछ राजनीतिक दलों ने पहले ही कह दिया है कि वे अनुच्छेद 370 और 35 ए की वापसी का मुद्दा उठाएंगे। जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की लंबे समय से मांग उठती आई है। मौजूदा समय में जम्मू क्षेत्र में 37 विधानसभा सीटें हैं जबकि कश्मीर क्षेत्र में 46 विधानसभा सीटे हैं।