नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक के लिए जम्मू-कश्मीर के 14 नेताओं को आमंत्रित किया गया है, जिसमें तत्कालीन राज्य के चार पूर्व मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। यह जानकारी अधिकारियों ने शनिव़ार को दी। अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने केंद्र शासित प्रदेश के लिए भविष्य के कदम पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री आवास पर बैठक में आमंत्रित करने के लिए इन नेताओं से सम्पर्क किया।
आमंत्रितों में चार पूर्व मुख्यमंत्री- नेशनल कांफ्रेंस के फारुक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती शामिल हैं। तत्कालीन राज्य के चार पूर्व उपमुख्यमंत्रियों- कांग्रेस नेता तारा चंद, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता मुजफ्फर हुसैन बेग और भाजपा नेताओं निर्मल सिंह और कवींद्र गुप्ता को भी बैठक में आमंत्रित किया गया है।
इसके अलावा, माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी (जेकेएपी) प्रमुख अल्ताफ बुखारी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रमुख जी ए मीर, भाजपा के रवींद्र रैना और पैंथर्स पार्टी के नेता भीम सिंह को भी बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है।
यह बैठक केंद्र द्वारा अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने की घोषणा और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन करने के बाद इस तरह की पहली कवायद होगी। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य केंद्रीय नेताओं के भी भाग लेने की संभावना है।
संपर्क करने पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें निमंत्रण मिला है और वह पार्टी प्रमुख के निर्देश पर चलेंगे। नेशनल कांफ्रेंस के सूत्रों ने कहा कि अगले कुछ दिनों में फारुक अब्दुल्ला पार्टी नेताओं के साथ विचार-विमर्श करेंगे। पीडीपी की राजनीतिक मामलों की समिति की भी रविवार को बैठक होगी, जिसमें बैठक पर फैसला लिया जाएगा।
गौरतलब है कि यह बैठक ऐसे वक्त में हो रही है जब जमूम-कश्मीर को विभाजित करके जम्मू को पूर्ण राज्य बनाने और कश्मीर को UT ही रहने देने की अफवाहें जोर पकगड़ रही हैं। हालांकि, अभी तक किसी आधिकारिक स्तर पर ऐसे कोई बात नहीं कही गई है।