नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अचानक रात करीब 8.45 बजे दिल्ली में नए संसद भवन के निर्माण स्थल का निरीक्षण करने पहुंच गए। उन्होंने साइट पर लगभग एक घंटा बिताया और नए संसद भवन के निर्माण की स्थिति का निरीक्षण किया। नया संसद भवन मौजूदा संसद भवन के पास ही बनाया जा रहा है। ये एक तिकोनी इमारत होगी जबकि मौजूदा संसद भवन वृत्ताकार है।
क्यों बनाया जा रहा है नया संसद भवन?
सरकार और अधिकारियों के अनुसार संसद के बढ़ते काम के कारण एक नई इमारत के निर्माण की ज़रूरत महसूस की गई। अभी का संसद भवन ब्रिटिश दौर में बना था जो लगभग 100 वर्ष (93 वर्ष) पुराना है और उसमें जगह और अत्याधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था नहीं है।
क्या है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट
सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत एक नए संसद भवन और नए आवासीय परिसर का निर्माण किया जाएगा। इसमें प्रधानमंत्री और उप राष्ट्रपति के आवास के साथ कई नए कार्यालय भवन और मंत्रालय के कार्यालयों के लिए केंद्रीय सचिवालय का निर्माण किया जाना है। सेंट्रल विस्टा परियोजना की सितंबर 2019 में घोषणा की गई थी। 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परियोजना की आधारशिला रखी थी। इस पुनर्विकास परियोजना में एक नए संसद भवन का निर्माण प्रस्तावित है।
इसके अलावा एक केंद्रीय सचिवालय का भी निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक तीन किलोमीटर लंबे ‘राजपथ’ में भी परिवर्तन प्रस्तावित है। सेंट्रल विस्टा क्षेत्र में नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को संग्रहालय में बदल दिया जाएगा और इनके स्थान पर नए भवनों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा इस क्षेत्र में स्थित ‘इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र’ को भी स्थानांतरित करने का प्रस्ताव है। इस क्षेत्र में विभिन्न मंत्रालयों व उनके विभागों के लिए कार्यालयों का निर्माण किया जाएगा।
नया संसद भवन कितना बड़ा होगा
अधिकारियों के अनुसार संसद के नए भवन में निचले सदन लोक सभा के 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है। नई इमारत में लोक सभा भूतल में होगी। वहीं उच्च सदन राज्य सभा के 384 सदस्य इसमें बैठ सकेंगे। ऐसा भविष्य में सांसदों की संख्या में वृद्धि को ध्यान में रखकर किया गया है। भारत में अभी लोक सभा में 543 और राज्य सभा में 245 सीटें हैं।नए संसद भवन की संयुक्त बैठक के दौरान वहां 1272 सदस्य बैठ सकेंगे। इस पूरे प्रोजेक्ट का निर्माण क्षेत्र 64,500 वर्ग मीटर होगा. यह मौजूदा संसद भवन से 17,000 वर्ग मीटर अधिक होगा।
मौजूदा संसद भवन का क्या होगा?
अधिकारियों के अनुसार मौजूदा संसद भवन का इस्तेमाल संसदीय आयोजनों के लिए किया जाएगा। 566 मीटर व्यास वाले संसद भवन का निर्माण 1921 में शुरू हुआ था. ये छह साल में बनकर तैयार हुआ था। तब इसके निर्माण पर 83 लाख रुपए ख़र्च हुए थे। इसका उद्घाटन 18 जनवरी 1927 को तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन ने किया था। ब्रिटिश काल के इस संसद भवन का डिज़ाइन एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने बनाया था।
कितना खर्चा आएगा, कौन बना रहा है?
अधिकारियों के मुताबिक़ संसद की नई इमारत बनाने की लागत करीब 971 करोड़ रुपये होगी। नई इमारत बनाने का ठेका टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को मिला है। उसने सितंबर 2020 में 861.90 करोड़ रुपये की बोली लगाकर ये ठेका हासिल किया था। नया संसद भवन सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इस प्रोजेक्ट का खाका गुजरात स्थित एक आर्किटेक्चर फर्म एचसीपी डिजाइन्स ने तैयार किया है।