नई दिल्ली: केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया को अहसास दिलाया कि आतंकवाद किसी एक देश के लिए नहीं, बल्कि पूरे विश्व, इंसानियत और इस्लाम के लिए चुनौती है। उन्होंने यहां ‘‘पीएचडी चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के 114वें वार्षिक सम्मेलन’’ में यह भी कहा कि 2014 से पहले यह प्रचारित किया जा रहा था कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने से इस्लामिक देशों के साथ भारत के रिश्ते खराब हो जाएंगे, लेकिन उनके सशक्त नेतृत्व का यह प्रमाण है कि सऊदी अरब, यूएई और बहरीन तथा कई अन्य इस्लामी देशों ने उन्हें अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है।
नकवी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘ यह पहला मौका है कि किसी भी नेता ने दुनिया को यह अहसास दिलाया कि वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के चुने हुए नेता हैं। उन्होंने पूरी दुनिया को यह अहसास कराया कि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र और एक जीवंत लोकतंत्र है।’’ मंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया को अहसास कराया कि आतंकवाद किसी एक देश के लिए समस्या या किसी एक देश के लिए चुनौती नहीं है, बल्कि आतंकवाद दुनिया के लिए चुनौती है, इंसानियत के लिए चुनौती और आतंकवाद इस्लाम के लिए भी चुनौती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने आतंकवाद को इस्लाम के साथ जोड़कर अपनी आतंकवाद की फैक्टरी का बचाव करने की कोशिश की और वह पूरी तरह बेनकाब हुए।’’ नकवी ने यह कहा कि कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में "जमीन से जुडी और ज़मीर पर खड़ी" सरकार का "समावेशी-सर्वस्पर्शी विकास" ही "राष्ट्रनीति" है। उन्होंने कहा, ‘‘देश की सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और समृद्धि, संवेदनशील, सशक्त और सुरक्षित हाथों में हैं। भारत की अर्थव्यवस्था की बुनियाद “जमीन की जरुरत और जमीर की ताकत से तैयार की गई है। तमाम वैश्विक चुनौतियों के बावजूद देश में महंगाई दर बढ़ने नहीं दी गई। किसी भी चीज की किल्लत-तंगी नहीं होने दी गई है।’’
नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में किये गए विभिन्न ऐतिहासिक सुधार और लोक हितकारी ईमानदार व्यवस्था ने भारत को एक सुरक्षित निवेश का केंद्र बनाया है। कॉरपोरेट कर में कटौती भारतीय अर्थव्यवस्था को अगले पांच वर्ष में पांच हजार डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण कदम है। छोटे, मझोले और बड़े उद्योगों को समान मौका और सुविधा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि आर्थिक सुधार की दिशा में जीएसटी, नोटबंदी, बैंकिंग सुधार, कर सुधार जैसे मजबूत ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं। आधारभूत संरचना पर व्यय मोदी सरकार की प्राथमिकता रही है। आने वाले 5 वर्षों में आधारभूत ढांचा विकास पर 100 लाख करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे।