नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में अपने भाषण में बुधवार को किसान आंदोलन पर कहा कि मैं किसान आंदोलन को पवित्र मानता हूं। भारत के लोकतंत्र में आंदोलन का महत्व है और जरूरी है, और रहने भी वाला है। लेकिन जब आंदोलनजीवी पवित्र आंदोलन को अपने लाभ के लिए बर्बाद करने के लिए निकलते हैं तो क्या होता है, कोई मुझे बताए। पीएम मोदी ने कहा कि किसान कानून की बात हो और दंगा करने वाले लोग जो जेल में है, आतंकवादी जो जेल में हैं, नक्सलवादी जो जेल में हैं, उनकी मुक्ति की बात करना क्या किसान आंदोलन को अपवित्र करने की बात है या नहीं।
पीएम मोदी कोरोना वायरस पर
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के बड़े-बड़े देशों ने तय किया कि वे अपने नागरिकों को सीधे पैसे पहुंचाएंगे, ताकी नागरिकों तक मदद पहुंच सके। प्रधानमंत्री ने कहा कि आपको ताजुब होगा कि दुनिया के बहुत सारे देश उस कोरोना लॉकडाउन, कर्फ्यू के वातावरण के कारण चाहते हुए भी खजाने में पाउंड और डॉलर के ढेर होने के बावजूद भी अपने नागरिकों तक नहीं पहुंच पाए। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि इस संकट के काल में मुसीबतों के बीच से भी देशवासियों की अपेक्षा के अनुसार देश प्रगति करेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि यह हिंदुस्तान है जो कोरोना कालखंड में भी 75 करोड़ से अधिक भारतीयों को राशन पहुंचा सकता है, 8 महीने तक राशन पहुंचा सकता है, जिसने जनधन, आधार और मोबाइल के द्वारा 2 लाख करोड़ रुपया इस कालखंड में अपने लोगों तक पहुंचाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि लेकिन दुर्भाग्य देखिए जो आधार, मोबाइल, जनधन एकाउंट, इतना गरीब से काम आया, लेकिन आधार को रोकने के लिए कौन लोग सुप्रीम कोर्ट गए थे।
पीएम मोदी अर्थव्यवस्था पर
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह ठेले वाले, रेहड़ी पटरी वाले लोगों के लिए किया गया। हमारी अर्थव्यवस्था में इस कालखंड में भी हमने रिफॉर्म का सिलसिला जारी रखा और इस इरादे से चले कि भारत जैसी अर्थव्यवस्था को बाहर लाने के लिए हमने कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने पड़ेंगे। मोदी ने कहा कि आपे देखा होगा पहले दिन से हमने कदम उठाए, और इसका परिणाम है कि आज ट्रैक्टर हो गाड़ियां हो उनकी रिकॉर्ड सेल हो रही है। जीएसटी का रिकॉर्ड कलेक्शन हुआ है। ये सारे आंकड़े हमारी अर्थव्यवस्था में जोश भर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में किसान आंदोलन पर कहा कि आंदोलन का एक नया तरीका है कि ऐसा हुआ तो ऐसा होगा, ऐसा होगा तो ऐसा होगा। सुप्रीम कोर्ट का कोई फैसला आ जाए तो उसका विरोध करते है। ये जो तौर तरीके हैं जो भी लोकतंत्र और अहिंसा में विश्वास रखते हैं उनके लिए चिंता का विषय होना चाहिए।