प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार सुबह किरगिस्तान के बिशकेक के लिए रवाना हो गए हैं । यहां पर प्रधानमंत्री मोदी शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ)सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री की यह यात्रा काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस दौरान वे चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मुलाकात करेंगे। हालांकि इस बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी मौजूद होंगे, लेकिन पाकिस्तान के साथ यहां भारत कोई द्विपक्षीय बातचीत नहीं करेगा।
इससे पहले पीएम मोदी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि किर्गिज गणराज्य में हो रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखर बैठक में वैश्विक सुरक्षा स्थिति और आर्थिक सहयोग पर मुख्य जोर रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस मध्य एशियाई देश की उनकी यात्रा एससीओ के सदस्य देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करेगी।
इमरान खान से नहीं होगी मुलाकात
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘सम्मेलन से इतर, मेरी येाजना कई नेताओं से द्विपक्षीय बैठक करने की भी है। ’’ उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्रालय ने पिछले हफ्ते कहा था कि एससीओ सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक होने की योजना नहीं है।
पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से नहीं गुजरेंगे मोदी
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी का विमान बिश्केक जाने के लिए पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से होकर नहीं गुजरेगा। मोदी का विमान ओमान, ईरान और कई मध्य एशियाई देशों से होते हुए किर्गिज गणराज्य की राजधानी पहुंचेगा।
भारत के लिए महत्वपूर्ण है किर्गिज गणराज्य
मोदी ने कहा कि भारत ने किर्गिज गणराज्य की अध्यक्षता को पूरा सहयोग दिया है। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में वैश्विक सुरक्षा स्थिति, बहुपक्षीय आर्थिक सहयोग, लोगों के बीच संपर्क और अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय महत्व के मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
किर्गिज राष्ट्रपति के मेहमान होंगे मोदी
मोदी ने कहा, ‘‘एससीओ सम्मेलन संपन्न होने के बाद, किर्गिज गणराज्य के राष्ट्रपति के आमंत्रण पर मैं 14 जून 2019 को वहां की आधिकारिक द्विपक्षीय यात्रा पर भी होऊंगा।’’ उन्होंने कहा कि भारत और किर्गिज गणराज्य के बीच ऐतिहासिक और सभ्यताओं के संबंध हैं। दोनों देश पारपंरिक रूप से मधुर संबंध साझा करते हैं। ‘‘हाल के समय में हमारे संबंध रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और निवेश सहित कई द्विपक्षीय क्षेत्रों में विस्तृत हुए हैं। ’’