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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तालचर उर्वरक परियोजना की आधारशिला रखी

मोदी ने कहा कि हमारा मकसद भारत को वृद्धि की नई ऊंचाइयों तक ले जाना है। उन्होंने कहा कि उर्वरक संयंत्र जैसी परियोजनाएं भारत की विकास गाथा के लिए निर्णायक हैं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: September 22, 2018 13:24 IST
पीएम मोदी, तालचर उर्वरक परियोजना- India TV Hindi
Image Source : PTI पीएम मोदी ने तालचर उर्वरक परियोजना की आधारशिला रखी

तालचर (ओड़िशा): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि तालचर उर्वरक संयंत्र में फिर से जान फूंकने के लिए 13,000 करोड़ रुपए की लागत वाली परियोजना में पहली बार कोयले को गैस में तब्दील कर ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा और इससे नीम-लेपित यूरिया का उत्पादन होगा। मोदी ने कहा कि इस परियोजना के तहत 36 महीने में उत्पादन शुरू होगा। इस परियोजना से प्राकृतिक गैस एवं उर्वरक के आयात में कटौती और भारत को आत्म-निर्भर बनाने में मदद मिलेगी। 

परियोजना की शुरुआत के लिए आयोजित समारोह में मोदी ने कहा कि हमारा मकसद भारत को वृद्धि की नई ऊंचाइयों तक ले जाना है। उन्होंने कहा कि उर्वरक संयंत्र जैसी परियोजनाएं भारत की विकास गाथा के लिए निर्णायक हैं। उन्होंने कहा कि इस संयंत्र में नवीनतम प्रौद्योगिकी का भी इस्तेमाल होगा। मोदी ने कहा कि संयंत्र में काम की शुरुआत से उन सपनों को साकार किया जा सकेगा जिन्हें बहुत पहले ही पूरा किया ​जाना चाहिए था। 

इस परियोजना से 12.7 लाख टन नीम-लेपित यूरिया का उत्पादन हो सकेगा। इसमें कोल-गैसीफिकेशन प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस काले हीरे कोयले को गैस में बदलने के लिए भारत में पहली बार कोल-गैसीफिकेशन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे प्राकृतिक गैस उर्वरक के आयात में कमी लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से करीब 4,500 लोगों के लिए रोजगार पैदा होगा। 

मोदी ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के एक समूह द्वारा इस परियोजना को लागू किया जा रहा है और यह इसका बड़ा उदाहरण है कि देश के रत्न कैसे एकसाथ मिलकर काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया कि उत्पादन 36 महीने में शुरू हो जाएगा। मैं उत्पादन की शुरुआत के समय 36 महीनों में यहां मौजूद रहने का वादा करता हूं।

भाजपा नीत राजग सरकार ने 2002 में भारतीय उर्वरक निगम की तालचर उर्वरक परियोजना को बंद कर दिया था। ​बिजली संबंधी बंदिशों, बेमेल और पुरानी पड़ चुकी प्रौद्योगिकी के कारण इस संयंत्र को चलाना नुकसानदेह साबित हो रहा था। अगस्त 2011 में कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार ने इस संयंत्र में जान फूंकने का फैसला किया था। तालचर फर्टिलाइजर्स लिमिटेड नाम की नई कंपनी का गठन किया गया, जिसमें गेल, कोल इंडिया लिमिटेड, राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स और एफसीआईएल नाम की चार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां साझेदार हैं। 

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