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भारत का लक्ष्य 30 से 35 प्रतिशत कम कार्बन उत्सर्जन करना: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि देश 30 से 35 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन कम करने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस दशक में प्राकृतिक गैस के इस्तेमाल को चार गुना बढ़ाने और अगले पांच साल में तेल शोधन क्षमता दोगुना करने का प्रयास चल रहा है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 21, 2020 17:16 IST
भारत का लक्ष्य 30 से 35 प्रतिशत कम कार्बन उत्सर्जन करना: पीएम मोदी- India TV Hindi
Image Source : PTI भारत का लक्ष्य 30 से 35 प्रतिशत कम कार्बन उत्सर्जन करना: पीएम मोदी

गांधीनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि देश 30 से 35 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन कम करने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस दशक में प्राकृतिक गैस के इस्तेमाल को चार गुना बढ़ाने और अगले पांच साल में तेल शोधन क्षमता दोगुना करने का प्रयास चल रहा है। पीएम मोदी ने पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम विश्वविद्यालय (पीडीपीयू) के दीक्षांत समारोह को वीडियो कांफ्रेंस से संबोधित करते हुए यह बात कही। 

उन्होंने कहा, ‘‘आज, देश कार्बन उत्सर्जन को 30 से 35 प्रतिशत कम करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है। जब मैंने इसके बारे में दुनिया को बताया तो उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया और इस बात को लेकर उनमें कौतूहल था कि क्या भारत इस लक्ष्य को हासिल कर सकेगा।’’ पीएम मोदी ने कहा, ‘‘इस दशक में प्राकृतिक गैस के इस्तेमाल को चार गुना बढ़ाने के प्रयास जारी है और इसके साथ ही अगले पांच साल में तेल शोधन क्षमता दोगुना करने पर काम हो रहा है।’’ 

उन्होंने विश्वास व्यक्ति किया कि देश नवीनीकरण ऊर्जा उत्पादन के लिए तय लक्ष्य को ‘समय से पहले’ हासिल कर लेगा। पीएम मोदी ने कहा, ‘‘ आज प्रति यूनिट लागत (सौर ऊर्जा की) पहले के 12 से 13 रुपये से कम होकर दो रुपये से कम पर आ गई है। आज सौर ऊर्जा देश की प्राथमिकता बन गई है। हम 175 गीगावाट नवीनीकरण ऊर्जा उत्पादित करने को प्रतिबद्ध हैं और मुझे भरोसा है कि हम इस लक्ष्य को वर्ष 2022 से पहले हासिल कर लेंगे।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘इसके साथ ही वर्ष 2030 तक हमारा लक्ष्य 450 गीगावाट नवीनीकरण ऊर्जा उत्पादित करने का है, यह लक्ष्य बड़ा है पर इसे समय से पहले हासिल कर लेंगे। इसके बारे में मैं आश्वस्त हूं।’’ पीएम मोदी ने कहा कि गैस और तेल क्षेत्र में ही इस दशक करोड़ों रुपये का निवेश होना है, जो इस क्षेत्र में अनुसंधान, उत्पादन अन्य पहलुओं में स्नातक करने वाले विद्यार्थियों के लिए अवसर पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा क्षेत्र में स्टार्टअप माहौल को मजबूत करने का कार्य जारी है और इस उद्देश्य के लिए विशेष कोष आवंटित किया गया है। 

पीएम मोदी ने कहा, ‘‘अगर आपके पास कोई विचार, उत्पाद और सिद्धांत है और उसपर आप आगे बढ़ना चाहते हैं तो यह कोष आपके लिए एक अच्छा मौका है और सरकार की तरफ से उपहार है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुए मुश्किल हालात के बावजूद स्नातक कर रहे विद्यार्थियों को याद रखना चाहिए कि उनकी ताकत और क्षमता चुनौतियों से बड़ी है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे अपना विश्वास नहीं खोएं। 

पीएम मोदी ने कहा, ‘‘समस्या से अधिक महत्वपूर्ण आपका उद्देश्य, प्राथमिकता और आपकी प्रतिबद्धता है। ऐसा नहीं है कि आप अपने जीवन में पहली बार चुनौती का सामना कर रहे हैं और यह आखिरी चुनौती भी नहीं है। ऐसा नहीं है कि सफल व्यक्ति के पास समस्या नहीं होती है लेकिन जो इन चुनौतियों को स्वीकार करते हैं और उन्हें हराते हैं वे सफल होते हैं।’’ उन्होंने विद्यार्थियों से स्वतंत्रता संग्राम के दौर को याद करने कहा कि कैसे लोगों ने इसके लिए अपनी जान की कुर्बानी दी। 

पीएम मोदी ने विद्यार्थियों से उसी तरह ‘आत्मनिर्भर भारत’ का सिपाही बनने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जो जीवन में सफल होते हैं उनमें जिम्मेदारी का भाव होता है। उन्होंने कहा, ‘‘देश के लिए बहुत कुछ करने को है लेकिन आपकी प्रतिबद्धता, अपका लक्ष्य खंडित नहीं होना चाहिए। आप देखते हैं कि वे ही जीवन में सफल होते हैं जो जवाबदेही के भाव के साथ कुछ करते हैं जबकि असफल वे होते हैं जो बोझ के भाव से ग्रस्त होते हैं। 21 सदी के युवा को स्पष्ट उद्देश्य के साथ आगे बढ़ना चाहिए। सिद्धांत ऐसा होना चाहिए जिसे कोई बाधा बदल नहीं सके।’’ 

प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों से सकारात्मक नतीजों के लिए स्थायी प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ‘स्वच्छ भारत’ इसका उदाहरण है जिसमें छोटी सी कोशिश को करोड़ों लोगों ने आंदोलन में तब्दील कर दिया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने याद किया कि कैसे घरेलू और कृषि फीडर (बिजली वितरण व्यवस्था) को अलग करने से गुजरात के घरों में 24 घंटे की बिजली आपूर्ति संभव हुई। प्रधानमंत्री ने पीडीपीयू के आठवें दीक्षांत समारोह के उपलक्ष में पांच आधुनिक सुविधाओं का लोकार्पण किया। इस मौके पर मोदी ने राज्य सरकार को पेट्रोलियम विश्वविद्यालय का नाम बदलकर ऊर्जा विश्वविद्यालय करने का सुझाव दिया।

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