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जम्मू-कश्मीर: PM मोदी ने एशिया की सबसे लंबी जोजिला सुरंग का किया शिलान्यास

सुरंग के लिए निर्माण कार्य शुरू होने की शिला पट्टिका का अनावरण करते हुए मोदी ने कहा, जोजिला सुरंग महज सुरंग नहीं है बल्कि आधुनिक युग का चमत्कार है...

Reported by: Bhasha
Published : May 19, 2018 17:50 IST
pm narendra modi
pm narendra modi

लेह: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एशिया की सबसे लंबी जोजिला सुरंग की आधारशिला रखकर जम्मू कश्मीर के एक दिवसीय दौरे की शुरुआत की। जोजिला सुरंग उन 25,000 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजनाओं का हिस्सा है जिनका आज या तो उद्घाटन किया जाना है या शिलान्यास किया जाना है। मोदी ने कहा कि यह राज्य के चौतरफा विकास की ओर नयी दिल्ली की प्रतिबद्धता को दिखाता है। 19वें कुशक बाकुला रिनपोछे के जन्मशती कार्यक्रम के समापन समारोह के लिए लेह मैदान पर एकत्रित भीड़ को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि सुरंग से इस क्षेत्र को देश के शेष हिस्से से जोड़ने में मदद मिलेगी जो बौद्ध आध्यात्मिक गुरू का एक सपना रहा है।

जोजिला दर्रा श्रीनगर-करगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर 11,578 फुट की ऊंचाई पर स्थित है और सर्दियों में भारी हिमपात के कारण यह बंद हो जाता है जिससे लद्दाख क्षेत्र का कश्मीर से सड़क संपर्क टूट जाता है। प्रधानमंत्री ने एक वर्चुअल संग्रहालय बनाने की भी घोषणा की जिसमें दुनिया को लद्दाख क्षेत्र का इतिहास और परंपरा दिखाई जाएगी।

मोदी जम्मू-कश्मीर की एक दिवसीय यात्रा पर आज सुबह यहां पहुंचे। प्रधानमंत्री की यह यात्रा रमजान के पवित्र महीने के दौरान आतंकवादी संगठनों के खिलाफ अभियानों को रद्द करने की केन्द्र की घोषणा के बाद हो रही है। मोदी के साथ सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी मौजूद थे। मोदी ने समापन समारोह में बाकुला को श्रद्धांजलि दी और उनकी शिला पट्टिका का अनावरण किया।

उन्होंने स्थानीय भाषा में अपने भाषण की शुरुआत की जिसपर वहां एकत्रित लोगों ने तालियां बजाई। बाकुला रिनपोछे को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम 19वें कुशक बाकुला रिनपोछे के समृद्ध योगदान को याद करते हैं। उन्होंने दूसरों की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया।’’

सुरंग के लिए निर्माण कार्य शुरू होने की शिला पट्टिका का अनावरण करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘जोजिला सुरंग महज सुरंग नहीं है बल्कि आधुनिक युग का चमत्कार है।’’ उन्होंने कहा कि एक टावर के जरिए सुरंग से कार्बन डाइऑक्साइड निकाल दी जाएगी। यह टावर कुतुब मीनार से सात गुना ऊंचा होगा। मोदी ने कहा कि यह सुरंग स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के अलावा क्षेत्र से संपर्क मुहैया कराएगी। उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर को 25,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाएं मिलने जा रही है। इन परियोजनाओं का राज्य के लोगों पर सकारात्मक असर पड़ेगा।’’

उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार जम्मू कश्मीर के विकास पर काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज 25,000 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजनाओं का या तो उद्घाटन होगा या उनका शिलान्यास किया जाएगा। यह राज्य के चौतरफा विकास की ओर नई दिल्ली की प्रतिबद्धता दिखाता है।’’ उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में कृषि विकास की अपार संभावनाएं हैं। राज्य समग्र हेल्थकेयर को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका अदा कर सकता है।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जब वह प्रधानमंत्री बने तो हजारों गांवों में बिजली नहीं थी। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी सरकार ने अभियान स्तर पर बिजली पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू की और इन गांवों को अंधकार के युग से बाहर निकाला।’’ मोदी ने कहा कि आजादी के 70 वर्षों बाद भी करीब चार करोड़ घरों में बिजली नहीं है और अब उन्हें डेढ़ साल के भीतर बिजली मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘19वें कुशक बाकुला रिनपोछे ने उत्कृष्ट राजनयिक के रूप में अपनी पहचान बनाई। मेरी मंगोलिया यात्रा के दौरान मैंने देखा कि वह उस देश में पहचाने जाते हैं।’’

महायान बौद्ध विचारधारा के शोधार्थी बाकुला स्पितुक गोम्पा के मठाधीश थे। वर्ष 2003 में उनका निधन हो गया था। बाकुला वर्ष 1951 में जम्मू कश्मीर विधानसभा में निर्वाचित हुए और उन्होंने राज्य तथा देश की सेवा की। वह उस समय राज्य सरकार में मंत्री भी बने थे। उन्हें वर्ष 1989 में मंगोलिया में भारत का राजदूत नियुक्त किया गया। इसके साथ ही वह दुनिया में पहले और इकलौते बौद्ध भिक्षु राजनयिक बने थे।

पाकिस्तान और चीन के साथ सीमा साझा करने वाले इस क्षेत्र में मोदी की यह दूसरी यात्रा है। श्रीनगर से 450 किलोमीटर उत्तर में स्थित लेह में मोदी इससे पहले 12 अगस्त 2014 को आए थे और तब उन्होंने एक जल विद्युत परियोजना का उद्घाटन किया था। मोदी ने कहा कि इस परियोजना में 14.15 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने का लक्ष्य है जिसमें दोनों तरफ से वाहनों की आवाजाही होगी।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘इस सुरंग से इन क्षेत्रों का आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक एकीकरण होगा। यह सामरिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है।’’ इस सुरंग के निर्माण से जोजिला दर्रे को पार करने का समय साढ़े तीन घंटे से घटकर मात्र 15 मिनट हो जाएगा। गडकरी ने अपने भाषण में कहा कि सुरंग के निर्माण से स्थानीय युवाओं को 90 फीसदी रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे सशस्त्र बलों को सामान की चौबीसों घंटे आपूर्ति करने में मदद मिलेगी।

महबूबा ने कुशक बाकुला जन्मशती कार्यक्रम के समापन समारोह में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया। सुरंग के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री रहते हुए आपके कार्यकाल के दौरान इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।’’

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