नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर(EDFC) के ‘न्यू भाऊपुर- न्यू खुर्जा सेक्शन’ और प्रयागराज में EDFC के परिचालन नियंत्रण केन्द्र(OCC) का उद्घाटन किया। साथ ही न्यू भाऊपुर-न्यू खुर्जा सेक्शन से मालगाड़ी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर उन्होंने कहा कि अब मालगाड़ियां देर से नहीं चलेंगे और इस फ्रेट कॉरिडोर से किसानों को फायदा होगा।
जानिए मोदी के भाषण की बड़ी बातें
- आज का दिन भारतीय रेल के गौरवशाली अतीत को 21वीं सदी की नई पहचान देने वाला है, भारत और भारतीय रेल का सामर्थ्य बढ़ाने वाला आज आजादी के बाद का सबसे बड़ा और आधुनिक रेल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट धरातल पर उतरते हुए देख रहे हैं, आज जब खुर्जा भाउपुर फ्रेट कॉरिडोर रूट पर जब पहली मालगाड़ी दौड़ी तो उसमें नए भारत की आत्मनिर्भर भारत की गूंज और गर्जना साफ सुनाई दी: पीएम मोदी
- प्रयागराज में ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर भी नए भारत के नए सामर्थ्य का प्रतीक है। यह दुनिया के बहतरीन और आधुनिक कंट्रोल सेंटर में से एक है। और यह सुनकर किसी को भी गर्व होगा कि इसमें मैनेजमेंट और डेटा से जुड़ी जो टेक्नोलॉजी है वो भारत में ही तैयार की गई है और भारतीयों ने ही उसको तैयार किया है: पीएम मोदी
- इंफ्रास्ट्रक्चर किसी भी राष्ट्र के सामर्थ्य का सबसे बड़ा स्रोत होता है। कनेक्टिविटी राष्ट्र की नसें होती हैं, जितनी बेहतर ये नसे होती हैं उतना ही सामर्थ्यवान कोई राष्ट्र होता है: पीएम मोदी
- आज जब भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत बढ़ने की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है तब बेहतरीन कनेक्टिविटी देश की प्राथमिकता है, इसी सोच के साथ 6 वर्ष से देश में आधुनिक कनेक्टिविटी पर काम हो रहा है। हाईवे, वाटरवे, रेलवे एयरवे, या फिर आईवे, आर्थिक रफ्तार के लिए जरूरी इन सभी पहियों को ताकत दी जा रही है: पीएम मोदी
- सामान्य बोलचाल की भाषा में यह मालगाड़ियों के लिए बने विशेष रेलट्रैक हैं, हमारे खेत, उद्योग या बाजार माल ढु़ालाई पर निर्भर होते हैं, कहीं कोई फसल उगती है तो उसे देश के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचाना पड़ता है, एक्सपोर्ट को बंदरगाहों तक पहुंचाना पड़ता है, उद्योग का माल बाजार तक पहुंचाना पड़ता है और एक्सपोर्ट के लिए फिर उसे बंदरगाहों तक पहुंचाना पड़ता है, इसके लिए सबसे बड़ा माध्यम हमेशा से रेलवे रही है, जैसे जैसे अर्थव्यवस्था बढ़ी तो माल ढुलाई के नेटवर्क पर बोझ भी बढ़ता गया: पीएम मोदी
- जब इस प्रकार के इंफ्रास्ट्रक्चर से देश को इतना फायदा हो रहा है तो सवाल उठता है कि देरी क्यों हुई, यह प्रोजेक्ट 2014 से पहले जो सरकार थी उसकी कार्य संस्कृति की जीता जागता प्रमाण है, 2006 में प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली और उसके बाद यह सिर्फ कागजों और फाइलों में ही बनता रहा, केंद्र को राज्यों के साथ जिस गंभीरता से बात करनी चाहिए थी वह किया ही नहीं गया। नतीजा हुआ कि काम अटक गया लटक गया और भटक गया, 2014 तक एक किलोमीटर ट्रैक भी नहीं बिछाया गया। जो पैसा स्वीकृत हुआ था वह सही तरीके से खर्च नहीं हो पाया, 2014 में सरकार बनने के बाद इस प्रोजेक्ट के लिए फिर से फाइलों को खंगाला गया, अधिकारियों को नए सिरे से आगे बढ़ने के लिए कहा गया तो बजट करीब 11 गुना यानि 45000 करोड़ से ज्यादा बढ़ गया: पीएम मोदी