रोहतांग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में 10 हजार फीट की ऊंचाई पर निर्मित ‘‘अटल सुरंग’’ का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, अटल सुरंग दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है। इसकी लंबाई 9.02 किलोमीटर है जो मनाली को लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़ेगी। इससे पहले यह घाटी भारी बर्फबारी के कारण लगभग छह महीने तक संपर्क से कटी रहती थी।
PM मोदी ने फीता काटकर सुरंग का उद्घाटन किया। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग CDS जनरल बिपिन रावत, BRO महानिदेशक सहित BRO के अन्य विशिष्ट अधिकारी मौजूद रहे। PM मोदी ने उद्घाटन के बाद सुरंग का दौरा भी किया। उन्होंने जिप्सी से जिप्सी से टनल का दौरा किया।
सामरिक रूप से महत्वपूर्ण यह सुरंग हिमालय की पीर पंजाल श्रृंखला में औसत समुद्र तल से 10,000 फीट की ऊंचाई पर अति-आधुनिक विशिष्टताओं के साथ बनाई गई है। इस सुरंग से मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी और यात्रा का समय भी चार से पांच घंटे कम हो जाएगा। अटल सुरंग को अधिकतम 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के साथ प्रतिदिन 3000 कारों और 1500 ट्रकों के यातायात घनत्व के लिए डिजाइन किया गया है।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने रोहतांग दर्रे के नीचे सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस सुरंग का निर्माण कराने का निर्णय किया था और सुरंग के दक्षिणी पोर्टल पर संपर्क मार्ग की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी। मोदी सरकार ने दिसम्बर 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री के सम्मान में सुरंग का नाम अटल सुरंग रखने का निर्णय किया था, जिनका निधन पिछले वर्ष हो गया।
यहां पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "साल 2002 में अटल जी ने इस टनल के लिए अप्रोच रोड का शिलान्यास किया था। अटल जी की सरकार जाने के बाद, जैसे इस काम को भी भुला दिया गया। हालात ये थी कि साल 2013-14 तक टनल के लिए सिर्फ 1300 मीटर का काम हो पाया था।"
उन्होंने कहा, "एक्सपर्ट बताते हैं कि जिस रफ्तार से 2014 में अटल टनल का काम हो रहा था, अगर उसी रफ्तार से काम चला होता तो ये सुरंग साल 2040 में जाकर पूरा हो पाती। आपकी आज जो उम्र है, उसमें 20 वर्ष और जोड़ लीजिए, तब जाकर लोगों के जीवन में ये दिन आता, उनका सपना पूरा होता।"
पीएम ने कहा, "जब विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ना हो, जब देश के लोगों के विकास की प्रबल इच्छा हो, तो रफ्तार बढ़ानी ही पड़ती है। अटल टनल के काम में भी 2014 के बाद, अभूतपूर्व तेजी लाई गई।नतीजा ये हुआ कि जहां हर साल पहले 300 मीटर सुरंग बन रही थी, उसकी गति बढ़कर 1400 मीटर प्रति वर्ष हो गई। सिर्फ 6 साल में हमने 26 साल का काम पूरा कर लिया।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "साल 2005 में ये आंकलन किया गया था कि ये टनल लगभग 950 करोड़ रुपये में पूरी हो जाएगी। लेकिन लगातार होने वाली देरी के कारण ये तीन गुना से भी ज्यादा, यानी करीब 3200 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद पूरी हुई है। कल्पना कीजिए कि 20 साल और लग जाते तो क्या स्थिति होती।"