नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जलियांवाला बाग स्मारक के पुनर्निर्मित परिसर को राष्ट्र को समर्पित किया। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन किया। इसी के साथ डेढ़ साल बाद जलियांवाला बाग के दरवाजे नए रंग-रूप के साथ खुले। कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति मंत्री, पंजाब के राज्यपाल और मुख्यमंत्री, हरियाणा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा पंजाब के लोकसभा और राज्यसभा सांसद शामिल रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "जलियांवाला बाग की पवित्र मिट्टी को मेरा अनेक-अनेक प्रणाम। वो मासूम बालक-बालिकाएं, वो बहनें, वो भाई, जिनके सपने आज भी जलियांवाला बाग की दीवारों में अंकित गोलियों के निशान में दिखते हैं।" उन्होंने कहा, "वो शहीद कुआं, जहां अनगिनत माताओं-बहनों की ममता छीन ली गई, उनका जीवन छीन लिया गया। उनके संपनों को रौंदा गया। उन सभी को आज हम याद कर रहे हैं।"
जलियांवाला बाग में अब बहुत कुछ नया और सुंदर देखने को मिलेगा। यहां के शहीदी कुएं को पूरी तरह रेनोवेट किया गया है। नई गैलरी, गोलियों के निशान वाली दीवारों को भी सहेजा गया है। ताकि यहां आने वाले लोग इन दोनों जगहों को खास रूप से देख सकें और स्वतंत्रता के इतिहास में अपनी जान गंवाने वाले सेनानियों को याद कर सकें।
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पर्यटकों को कोई भी टिकट नहीं लेना होगी
जलियांवाला बाग नेशनल मेमोरियल ट्रस्ट के सदस्य राज्यसभा सांसद श्वेत मलिक के मुताबिक, करीब 20 करोड़ रुपये से जलियांवाला बाग की रेनोवेशन की गई है। इसमें लाइट एंड साउंड व एक डिजिटल डाक्यूमेंट्री तैयार की गई है। जहां पर 80 लोगों के बैठने की कैपेसिटी होगी ताकि जलियांवाला बाग कांड के बारे उन्हें पूरी जानकारी मिल सकें। सांसद मलिक ने बताया कि विकास कार्य को करते समय बाग की विरासत के साथ कोई भी छेड़छाड़ नहीं की गई है, पर्यटकों को कोई भी टिकट नहीं लेनी होगी।
बता दें कि, कोविड के चलते 2019 में केंद्र ने नरसंहार के 100वें वर्ष के उपलक्ष्य में स्मारक के लिए 19.36 करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की थी। वर्तमान में संस्कृति मंत्रालय के तहत सुविधाओं का पुनरुद्धार कार्य और सुविधाओं का निर्माण (जैसे शौचालय, टिकटिंग काउंटर और पीने का पानी) किया गया है। पंजाब में कोविड के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए किसी भी प्रकार के राजनीतिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस कारण जलियांवाला बाग स्मारक का बहुप्रतीक्षित उद्घाटन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था।