नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात ‘यास’ (Cyclone Yaas) से निपटने के लिए रविवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में राज्यों एवं केंद्र सरकार की एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की और समुद्री गतिविधियों में शामिल लोगों को समय से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में बताया कि मोदी ने अधिकारियों से राज्यों के साथ करीबी समन्वय स्थापित कर काम करने को कहा, ताकि अत्यधिक जोखिम वाले इलाकों से लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। उन्होंने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि विद्युत आपूर्ति या संचार नेटवर्क बाधित होने पर उसे तेजी से दुरुस्त किया जाए।
पीएम मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों के साथ उचित समन्वय स्थापित करें और योजना बनाएं कि अस्पतालों में कोविड-19 उपचार एवं टीकाकरण बाधित नहीं हो। प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि मोदी ने तटीय समुदायों एवं उद्योगों जैसे विभिन्न हितधारकों को बचाव प्रयासों में शामिल करने का आह्वान किया।
26 मई को बंगाल और ओडिशा तट पहुंचेगा तूफान
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के चक्रवाती तूफान ‘यास’ में बदलने की संभावना है और इसके 26 मई को पश्चिम बंगाल तथा ओडिशा तट पर पहुंचने एवं इस दौरान हवा की गति 155 से 165 किलोमीटर प्रति घंटा रहने, मूसलाधार बारिश होने और तटवर्ती जिलों में तूफान/आंधी आने का अनुमान है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि मौसम विभाग सभी राज्यों के लिए ताजा जारी पूर्वानुमान के साथ नियमित बुलेटिन जारी कर रहा है। इसने कहा कि गृह मंत्रालय हालात की समीक्षा कर रहा है और राज्य सरकारों, केंद्रशासित प्रदेशों एवं संबंधित केंद्रीय एजेंसियों के संपर्क में है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि उसने सभी राज्यों में राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के जवान पहले ही भेज दिए हैं और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने पांच राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 46 टीम पहले से तैनात कर दी हैं जो नावों, पेड़ काटने वाले यंत्रों एवं दूरसंचार उपकरणों से लैस हैं। इसके अलावा, 13 दलों को रविवार को तैनाती के लिए विमान के जरिए पहुंचाया जा रहा है और 10 टीमों को तैयार रखा गया है।
बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, अन्य मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। मोदी ने ट्वीट किया कि उन्होंने लोगों को समय पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए जाने और यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि विद्युत एवं संचार नेटवर्क बाधित नहीं हों। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने यह सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया कि चक्रवात के कारण प्रभावित इलाकों में कोविड-19 मरीजों का उपचार बाधित नहीं हो। मैं सभी की सुरक्षा एवं कल्याण की कामना करता हूं।’’
प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना ने राहत, तलाश एवं बचाव कार्यों के लिए पोत एवं हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं, जबकि भारतीय वायुसेना और थलसेना की इंजीनियर कार्यबल इकाइयों तथा नौकाओं एवं बचाव उपकरणों को तैनाती के लिए तैयार रखा गया है। उसने बताया कि पश्चिमी तट पर आपदा राहत इकाइयां और मानवीय सहायता के साथ सात नौकाएं भी तैयार रखी गई हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने अन्य मंत्रालयों के प्रयासों को रेखांकित करते हुए कहा कि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने समुद्र में सभी तेल प्रतिष्ठानों की सुरक्षा और अपने पोतों को सुरक्षित बंदरगाहों पर लाने के लिए कदम उठाए हैं।
ऊर्जा मंत्रालय ने आपदा प्रतिक्रिया प्रणालियां सक्रिय कर दी हैं और बिजली की तत्काल बहाली के लिए ट्रांसफॉर्मर, डीजी सेट एवं अन्य उपकरणों को तैयार रखा है। उसने बताया कि दूरसंचार मंत्रालय सभी दूरसंचार टावर एवं एक्सचेंज पर लगातार नजर रख रहा है और दूरसंचार नेटवर्क की बहाली के लिए पूरी तरह तैयार है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वास्थ्य क्षेत्र की तैयारियों एवं प्रभावित क्षेत्रों में कोविड-19 से निपटने संबंधी कदम उठाने के लिए राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में परामर्श जारी किए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि एनडीआरएफ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारियों में राज्य की एजेंसियों की मदद कर रहा है और वह चक्रवात संबंधी हालात से निपटने के लिए समुदाय में जागरुकता पैदा करने के लिए लगातार मुहिम चला रहा है।